राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर चल रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत नारी बंदी निकेतन कारागार से रिहा हुई 75 महिला कैदियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुये साड़ी,शाल तथा मिष्ठान भेंट किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कारागार से मुक्त होकर आप सभी अपने परिवार के पास जा रही हैं। आप संकल्प लें कि जिस किसी कारण से आपसे अपराध हो गये हैं उनकी अब कभी पुनरावृत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि घटना भूलें,बदले की भावना से बचें यह तभी सम्भव है जब आप अपनी सोच बदलेंगी। इसलिये गलत विचारों से मुक्त होकर अपना कार्य कर आगे बढ़ने का प्रयास करें।
कारागार में रहकर आप सभी ने अपनी-अपनी रूचि के अनुसार जो हुनर सीखे हैं, उसको अपनाते हुए आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़े और अपने परिवार का सहारा बनें। साथ ही अपने परिवार तथा समाज को भी आवेश एवं क्रोध में किए जाने वाले अपराधों से रोकें।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज आप सभी के खातों में कारागार विभाग ने आपके द्वारा कारागार में अर्जित की गई धनराशि आप के खाते में डाल दी है। इसका उपयोग आपको बड़ी ही सावधानी से करना है ताकि उसका कोई दुरूपयोग न कर सके।
उन्होंने कहा कि उचित होगा कि अपनी आय की धनराशि का उपयोग अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व उन्हें हुनरमन्द बनाने में करें। राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार हुनरमंदों के लिए अनेक योजनाएं भी चला रही हैं, जिनका लाभ लेकर अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने में भी आप सहायक हो सकती हैं।
अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि आजादी की 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 महिला बंदियों की रिहाई की जा रही है, उन्होंने कहा कि “बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध लेय” अर्थात् आप पुरानी घटनाओं को भूलते हुये अपने आगे के जीवन को अपने परिवार के साथ हंसी खुशी से बितायें। किसी भी प्रकार की बदले की भावना से दूर रहें।