राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित गैलेन्ट्री आवार्ड सम्मान प्रदान किये। समारोह में कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को परमवीर चक्र मरणोपरांत,कोमोडोर अरविन्द सिंह को महावीर चक्र,नौसेना मेडल,ब्रिगेडियर प्रशांत कुमार घोष,कर्नल विमल किशनदास बैजल, कर्नल रघुनाथ प्रसाद चतुर्वेदी, मेजर विष्णु स्वरूप शर्मा, हवलदार कुंवर सिंह चौधरी मरणोपरांत तथा नायक राजा सिंह मरणोपरांत आदि को वीर चक्र, मेजर कमल कालिया मरणोपरांत, लेफ्टिनेंट हरी सिंह बिष्ट मरणोपरांत तथा ओनोररी कैप्टन चंचल सिंह आदि को शौर्य चक्र,ब्रिगेडियर नवीन सिंह को वीर चक्र, विशिष्ट सेवा मेडल, कर्नल बलराज शर्मा, ले कर्नल ज्योति लामा तथा ओनोररी कैप्टन गोकुल कुमार प्रधान आदि को शौर्य चक्र से सम्मानित किया।
शहीदों के परिजनों ने यह सम्मान ग्रहण किया। इस अवसर पर राज्यपाल कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग व बलिदान के कारण ही हम आज आजादी की ऊर्जा का अनुभवन कर आगे बढ़ रहे हैं। हमारे वीर सैनिकों का जीवन हमारी युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा का स्रोत है। युवा पीढ़ी वीर सैनिकों के आदर्शों को जाने समझें और उनके परिवार के प्रति जो हो सकता है, उसमें सहयोग करें।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाओं ने युद्ध और शांति के समय समभाव रूप से देश की सेवा के अपने लम्बे इतिहास से स्वयं को तथा अपनी मातृभूमि को गौरव प्रदान किया है। देश की सीमाओं का सुरक्षित होना न केवल देश की अस्मिता एवं सम्मान के लिये आवश्यक है।
देशवासियों की सुख-शान्ति एवं प्रगति के लिये भी अपरिहार्य है। हमारी सीमाओं पर कई बार संकट के बादल आये किन्तु हमारे सैनिकों की बहादुरी और पूरे राष्ट्र की एकजुटता के कारण देश की अखण्डता एवं सम्मान पर आंच नहीं आने पायी। यह सत्य है कि सैनिकों के त्याग और बलिदान के कारण ही हम सब देशवासी सुख शान्ति का जीवन व्यतीत कर पाते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे सैनिकों का जीवन किसी तपस्या से कम नहीं है। हमारे सैनिक जितनी निष्ठा भाव से देश की रक्षा के लिये तत्पर रहते हैं, उतना उन्हें सम्मान मिलना चाहिए।राज्यपाल ने सरकार की ओर से पूर्व सैनिकों के प्रति वचनबद्धता को दोहराते हुए सशस्त्र बलों की सराहना की। कहा कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के सम्मान और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाकर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है।
इसके साथ ही वार वेटरंस,वीर नारियों तथा विकलांग सैनिकों को पेंशन, रख-रखाव भत्ता तथा एक मुश्त आर्थिक सहायता सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिक्षण-प्रशिक्षण तथा रोजगार में भी आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल योगेन्द्र ढिमरी, सेना के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा भूतपूर्व सैनिक एवं उनके पारिवारिक सदस्यगण भी उपस्थित थे।
दया शंकर चौधरी