- पिपराइच, बलरामपुर में गन्ने के रस से सीधे बनेगा एथनॉल।
- गन्ना मूल्य में वृद्धि से प्रदेश में किसानों को होगा 4 हजार करोड़ का सीधा फायदा।
- योगी सरकार में एक भी दिन नहीं रुका चीनी मिलों का पहिया।
- 270 खांडसारी इकाइयों को लाइसेंस देने के साथ 50 हजार लोगों को सरकार ने दिया रोजगार।
- गन्ना के क्षेत्रफल, चीनी उत्पादन, एथनॉल उत्पादन के साथ गन्ना भुगतान में नम्बर वन बना यूपी।
- 20 अक्टूबर से पश्चिम यूपी में शुरू होंगी चीनी मिलें।
लखनऊ।उत्तर प्रदेश में 20 अक्टूबर से योगी सरकार चीनी मिलों की शुरुआत करने जा रही है। इसके साथ ही सरकार पिपराइच और बलरामपुर में गन्ने के रस से सीधे एथनॉल बनाने की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रही है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने सोमवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह बाते कहीं। उन्होंने गन्ना मूल्य में वृद्धि के एतिहासिक फैसले के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में किसानों के लिए अभूतपूर्व फैसलों ने किसानों की निराशा को खत्म करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में गन्ना किसानों में निराशा का माहौल था। बसपा और सपा की सरकारों में 30 चीनी मिलों को बंद किया गया और 21 चीनी मिलें कौड़ियों के भाव बेची गईं। 2017 में योगी सरकार ने किसानों को मुख्य एजेंडे में रखते हुए सभी बंद पड़ी चीनी मिलों को शुरू कराया साथ ही डेढ़ दर्जन से अधिक चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई। पिपराइच, मुंडरेवा, रमाला में नई चीनी मिलें शुरू कीं।
गन्ना मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में वर्ष 2017 से पहले के 8 वर्षों के गन्ना मूल्य का भुगतान करके किसानों के चेहरे पर खुशी लाने का काम किया। गन्ना मंत्री कि 2016-17 में जहां प्रदेश में गन्ना उत्पादन 66 टन पर हेक्टेयर हुआ करता था अब वो बढ़कर 2021-22 में 81.5 टन प्रति हेक्टेयर हो गया। गन्ने की जो पिराई सपा सरकार में 2918 लाख टन थी वो पिछले साढ़े 4 वर्षों में 4289 लाख टन हो गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसानों ने पीएम मोदी और सीएम योगी के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दिया है।
जहां एक ओर महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब की चीनी मिलें कोरोना काल में बंद रहीं वहीं हमने प्रदेश में एक भी चीनी मिल कोरोना काल में बंद नहीं होने दी। पिछली सरकारों में जहां 25 सालों से खाण्डसारी का एक भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ था। वहीं योगी सरकार ने 270 खांडसारी इकाइयों को लाइसेंस दिया और इससे 50 हजार लोगों को रोजगार भी मिला। योगी सरकार ने 99 करोड़ लीटर एथनॉल का यूपी में उत्पादन किया। उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि प्रदेश में वर्तमान सीजन में 85 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को कर दिया है। पिछले 20 सालों में चालू वर्ष का यह सर्वाधिक भुगतान है। वर्ष 2012 से 17 तक गन्ना किसानों को 95000 करोड़ का भुगतान किया गया था, वहीं योगी सरकार ने 2017 से वर्ष 2021 तक 1,44,000 करोड़ गन्ना किसानों को भुगतान किया है।
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने इस अवसर पर यह भी सरकार ने 30 हजार से अधिक फर्जी सट्टे बंद करने का एतिहासिक कार्य किया है। हमारा एक-एक कार्य गन्ना किसानों के हित में हैं। गन्ना किसानों के हित में प्रदेश सरकार ने बड़े फैसले लिये हैं। उन्होंने बताया कि योगी सरकार में गन्ना के क्षेत्रफल में, चीनी उत्पादन में, एथनॉल उत्पादन के साथ गन्ना भुगतान में यूपी नम्बर वन बना है।