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उत्तराखंड उत्सव में सहभागी यूपी

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

प्रदेशों के निर्माण प्रशासनिक सुविधा के अनुरूप होता है। जबकि भारतीय संस्कृति सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है। यह विविधता में एकता का आधार है। इसी आधार पर एक दूसरे प्रदेशों में सहभागिता प्रचलित है। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में आदिगुरु शंकराचार्य जी की प्रतिमा का अनावरण किया था। उनका जन्म दक्षिण भारत में हुआ था।

उनका जीवन भारत की सांस्कृतिक एकता के प्रति समर्पित रहा। इसलिए सर्वत्र उनका सम्मान है। उत्तराखंड का निर्माण उत्तर प्रदेश से ही हुआ था। अलग प्रदेश और प्रशासनिक व्यवस्था कायम हुई। किंतु सांस्कृतिक एकता यथावत है। उत्तर प्रदेश अवतारों की भूमि है। अयोध्या मथुरा व काशी यहीं है। उत्तराखंड देवभूमि है। यमुनोत्री गंगोत्री, केदारनाथ बद्रीनाथ जैसे पावन स्थल तथा देवालय उत्तराखण्ड में हैं। यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सूत्र स्थल है। लखनऊ के पं गोविन्द बल्लभ पंत सांस्कृतिक उपवन में उत्तराखण्ड महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्मलित हुए। योगी आदित्यनाथ सन्यासी है। इसमें पूर्व आश्रम का परित्याग किया जाता है। उनका जन्म उत्तराखंड में हुआ था। सन्यास आश्रम में वह गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर बने। इस आश्रम के अनुसार वह गोरखपुर के हुए। उनके सन्यास व समाज सेवा की यही स्थली है।

उत्तर प्रदेश के तीन पूर्व मुख्यमंत्री गोविन्द बल्लभ पंत,हेमवती नन्दन बहुगुणा तथा नारायण दत्त तिवारी उत्तराखण्ड के थे। यह प्रदेश अपनी प्राकृतिक समृद्धि व सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। हरित क्रांति और श्वेत क्रांति में भी उत्तराखण्ड की भूमिका रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृहद् कार्य योजना पर अमल आवश्यक है।

उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार इस दिशा में व्यापक प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत उत्तराखंड की कार्य योजना के संचालन तथा क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश सरकार भरपूर सहयोग करेगी। उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्तमान सरकार द्वारा व्यापक अभियान चलाया गया है।

यहां पांच वर्ष में सौ करोड़ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। जिसमें फलदार, इमारती,औषधीय पौधे शामिल हैं। इसी प्रकार जल संरक्षण तथा रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं।

पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों के साथ साथ अन्तर्विभगीय समन्वय के माध्यम से वृहद् अभियान को भी महत्व दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड महापरिषद द्वारा दिए गये सुझावों तथा प्रस्तावों पर उत्तर प्रदेश सरकार विचार कर हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी।

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