● राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के) के तहत बच्चों के कटे होंठ व तालू का हो रहा निःशुल्क उपचार
● स्माइल ट्रेन के नाम से चल रहा है कार्यक्रम
कानपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इनमें से ही एक स्माइल ट्रेन कार्यक्रम के अन्तर्गत कटे होंठों या कटे तालू से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क उपचार कर उनकी मुस्कराहट वापस लायी जा रही है। इसी के अन्तर्गत 4 माह के समर के कटे हुए होठों का निःशुल्क उपचार किया गया। शुक्लगंज निवासी दीपेश गुप्ता पेशे से अध्यापक हैं। उन्होंने बताया कि करीब चार माह पूर्व कानपुर जिला अस्पताल में उनके बेटे का जन्म हुया। लेकिन बच्चे के जन्म की ख़ुशी कुछ फ़ीकी हो गई जब यह पता चला कि समर का होंठ कटा हुआ है। लेकिन समर को परिवार ने खुले दिल से स्वींकारा और बच्चे के उपचार के लिए कोशिश शुरू की। उम्मीद मिली उर्सला अस्पताल से, जहाँ चिकित्सक ने दीपेश को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में बताया और कार्यक्रम के जिला समन्वयक अजीत सिंह से संपर्क करने के लिए कहा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आर.बी.एस.के समन्वयक अजीत सिंह से संपर्क करने पर उन्हें पता चला कि बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत स्माइल ट्रेन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत बच्चों के कटे होंठों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। स्माइल ट्रेन कार्यक्रम के अन्तर्गत समर का पंजीकरण किया गया और 9 दिसम्बर को उसे ऑपरेशन के लिए बुलाया गया। लाल इमली स्थित लीलामनी हॉस्पिटल में उसी तारीख में समर का ऑपरेशन किया गया। समर के पिता दीपेश गुप्ता बताते हैं कि ऑपरेशन के बाद अब समर पूरी तरह ठीक हो चुका है। आने वाली 24 दिसंबर को समर के टाँके कट जायेंगे और फिर समर भी सामान्य बच्चों की तरह मुस्कुरा पायेगा।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक अजीत सिंह ने बताया कार्यक्रम में कटे होंठ या तालू से ग्रसित 30 बच्चों का निःशुल्क उपचार कराया जा चुका है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिले के लालमनी हॉस्पिटल और रिजेंसी हॉस्पिटल से सहयोग लिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बच्चा कटे होंठो या तालू से ग्रसित है तो आर.बी.एस.के के तहत बच्चों के निःशुल्क उपचार के लिए अभिभावक अपने नजदीकी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय में संपर्क करें, या फिर मुझसे सी.एम.ओ. कार्यालय में आर.बी.एस.के. सेल में संपर्क कर सकते हैं। हमारा प्रयास है कि कार्यक्रम के अन्तर्गत अधिक से अधिक बच्चों की मुस्कान वापस ला सकें।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर