लखनऊ। LDA के रेंट अनुभाग ने राम कृष्ण मिशन सेवा के नाम से किराये के तीन भवनों को सील कर दिया और कुछ की पहचान न होने के चलते अभी छोड़ दिया गया है।
तालों के कमीं के कारण रुक गया LDA का कार्य
LDA के तरफ से किये जा रहे सीलिंग में राम कृष्ण मिशन सेवा के तीन भवन सील हो गए जबकि गैराज के रूप में पंजीकृत दो और भवनों की पहचान न हो पाने के कारण सील नही किया जा सका है
इसके अलावा महानगर की दो दुकानों पर भी ताले लगाए गए व आउट्रम रोड की 13 दुकानों पर बेदखली की नोटिस चस्पा की गई। इनमें कल्लू की दुकान सं या 27, इंद्रासन की 12, गिरधारी लाल की 17, हसमत अली की 4, पुत्ती लाल की 3, सिराजुद्दीन की 25, कुंदन की 18, इरशाद अली की 34, सफाकत उल्लाह की 33, शहनाज बानो की 31, मुशीर अहमद की 26, मोइनुद्दीन की 24 व यासीन खान की 19 शामिल हैं।
फिर शुरू की जाएगी सीलिंग की कार्रवाई
एलडीए के रेंट अनुभाग ने 100 ताले मंगवाये थे। बुधवार को और संपत्तियों को सील किया जाना था लेकिन ताले ही नही बचे। ओएसडी राजीव कुमार ने बताया सीलिंग को अब ताले आने के बाद फिर से सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
वर्ष 1968 में राम कृष्ण मिशन सेवा के नाम से एलडीए ने 4 गैराज किराये के तौर पर दिए थे, लेकिन किराये के रूप में एक बार भी रकम जमा नहीं दी गयी।
एलडीए में रेंट की फाइलें खुलने पर सच सामने आया कि 20 सितंबर 1968 को विवेकानंद पुरी में गैराज संख्या 10, 11, 12 व 13 को मुख्य नगर अधिकारी की ओर से राम कृष्ण मिशन सेवाश्रम को आवंटित किया गया था। जिसका किराया 30 रुपए प्रतिमाह निर्धारित था।
- उस दौरान कुल 360 रुपए एग्रीमेंट शुल्क व 4 माह के किराये के रूप में दिए गए थे।
- एग्रीमेंट पर सेवाश्रम के सचिव स्वामी श्रीधरनांद के हस्ताक्षर भी मिले थे।
49 साल से नहीं जमा हुआ कोई किराया
अब एग्रीमेंट को 49 साल के बाद भी कोई किराया न जमा होने के कारण एलडीए के अधिकारियों ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया। बीते दिनों रेंट अनुभाग की ओर से बेदखली की नोटिस जारी की गई, किन्तु इसके बाद भी किराया न जमा होने के चलते बुधवार को रेंट अनुभाग की ओर से टीम ने गैराज संख्या 11 व 12 को सील कर दिया। पदम रस्तोगी के नाम पर दर्ज गैराज संख्या 5 को भी सील किया गया।खासबात यह कि यह गैराज भी राम कृष्ण मिशन के कब्जे में ही था। हालांकि इस दौरान एलडीए के दस्तावेज में दर्ज गैराज संख्या 9 व 10 पर सीलिंग की कार्रवाई की जानी है। बताया जा रहा है कि मौके पर ये दोनों गैराज की पहचान न हो पाने के कारण कार्रवाई न हो सकी।