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भांडुप के गुरु नानक विद्यालय में हल्दी-कुमकुम का आयोजन; इस दिन रंग-बिरंगी पतंगों से सराबोर रहता है आसमान

महाराष्ट्र। गुरु नानक विद्यालय भांडुप में आज प्रधानाचार्या हरवंश कौर की अध्यक्षता में शिक्षक शिक्षिकाओं ने हल्दी कुमकुम समारोह का आयोजन शिक्षक स्टाफ कक्ष में किया गया। इस अवसर पर शिक्षिकाओं ने एक दूसरे को फल-फूल प्रसाद के रूप में देकर माथे पर तिलक लगाया। यह सांस्कृतिक परंपरा के मेल-जोल का प्रतीक है। इस अवसर पर उपप्राचार्या सिमरन कौर के अलावा सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और अन्य स्टाफ के लोग भी उपस्थित था। प्रधानाचार्या ने इस सांस्कृतिक मेल-जोल वाले कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी को बसंत ऋतु की शुभकामनाएं दीं।

महाराष्ट्रियन परिवारों में मनाया जाता है हल्दी कुमकुम का त्योहार

इस पर्व में किया गया दान और शुभ कार्य विशेष फलदायी होता है। धर्मशास्त्र के अनुसार इस दिन दान, जप और साथ ही धार्मिक अनुष्ठानों का अत्यधिक महत्व बताया गया है। हल्दी और कुमकुम लगाने से सुहागिन स्त्रियों में श्री दुर्गा देवी का अप्रकट तत्व जागृत होता है तथा श्रद्धापूर्वक हल्दी और कुमकुम लगाने से यह जीव में कार्यरत होता है। कहते हैं मकर संक्रांति से हर दिन तिल-तिल बढता है। इस दिन महिलाएँ अपने पति  की दीर्घायु की कामना और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए मकर संक्रांति से वसंत पंचमी और चैत्र मास तक, पूरे महीने हल्दी-कुमकुम का आयोजन करती हैं। इस दिन बच्चों में भी काफी उत्साह देखा जा सकता है। बच्चे से लेकर बड़े तक सभी पतंगबाज़ी का आनंद लेते हैं। पूरा आसमान रंग- बिरंगी पतंगों से सराबोर रहता है। 

Report – Anshul Gaurav 

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