लैटिन अमेरिका में चीन की बढ़ती पैठ से अमेरिका की चिंता बढ़ रही है। हाल की जिस घटना ने यहां सबसे ज्यादा चिंता पैदा की है, वह चीन और अर्जेंटीना के बीच हुए समझौते हैं।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्तो फर्नांडिज विंटर (शीतकालीन) ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भाग लेने फरवरी के पहले हफ्ते में चीन गए थे। उस मौके पर उन्होंने कई खास समझौते किए। दूसरे समझौते के तहत चीन अर्जेंटीना में परमाणु बिजली का संयंत्र लगाएगा।
अमेरिकी टीकाकारों ने ध्यान दिलाया है कि लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में मौजूद कुल 33 में से 20 देश अब बीआरआई का हिस्सा बन चुके हैं। इससे इस क्षेत्र के देशों की चीन पर आर्थिक निर्भरता बढ़ रही है।
विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि एआईआईबी से कर्ज लेने का मतलब यह है कि अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर अर्जेंटीना की निर्भरता घट गई है। आईएमएफ में अमेरिका की निर्णायक भूमिका मानी जाती है।
यानी अर्जेंटीना जितना निर्यात करता है, उससे कम आयात करता है। 2021 में उसके निर्यात में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अर्जेंटीना मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, कारखाना उत्पाद और प्राथमिक वस्तुओं का निर्यात करता है।