विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को कोलंबो में बिम्सटेक के 18वें विदेश मंत्री सम्मेलन में शामिल हुए। इस बारे में उन्होंने ट्वीट कर कहा आज कोलंबो में बिम्स्टेक की 18वीं बैठक में भाग लिया। प्रो० जी० एल० पीयरिस को आतिथ्य के लिए धन्यवाद। सहयोग के क्षेत्रों, विशेष रूप से कनेक्टिविटी, ऊर्जा तथा समुद्री सहयोग को गहन बनाने और विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।
सम्मेलन में बोले विदेश मंत्री- आतंकवाद और चरमपंथ से सामूहिक रूप से मुकाबला करना होगा।
विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ, अंतरराष्ट्रीय अपराध, साइबर हमले तथा मादक द्रव्यों की तस्करी का मिलकर मुकाबला करना होगा। कल शिखर सम्मेलन में चार्टर और मास्टर प्लान पारित किए जाने की आशा है। उन्होंने आगे कहा इस दिशा में सक्रिय व्यापार गठबंधन और साझा परियोजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। बन्दरगाह सुविधाएं, नौका सेवाएं और तटीय नौवहन, ग्रिड कनेक्टिविटी तथा मोटर वाहन परिवहन प्रमुख हैं।
सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कई क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा हम सक्रिय व्यापार सहयोग और आम परियोजनाओं को प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए बंदरगाह सुविधाओं, नौका सेवाओं, तटीय शिपिंग, ग्रिड कनेक्टिविटी और मोटर वाहनों की आवाजाही क्षेत्र में सहयोग प्रमुख है।
जाफना सांस्कृतिक केंद्र का उद्घाटन किया: इस मुलाकात के दोनों देशों ने बौद्ध संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर जयशंकर ने वर्चुअल तरीके से ‘जाफना सांस्कृतिक केंद्र’ का उद्घाटन भी किया।
भूटान और नेपाल के विदेश मंत्रियों से मिले जयशंकर: विदेश मंत्री जयशंकर ने बिम्सटेक की बैठक के इतर भूटान और नेपाल के विदेश मंत्रियों से भी मिलाकात की। भूटान के विदेश मंत्री से मिलने के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा हमेशा की तरह भूटान के विदेश मंत्री तांडी दोरजी से मिलकर प्रसन्नता हुई। लंबे समय से चल रही जल विद्युत क्षेत्र में हमारे सहयोग पर चर्चा हुई। अन्य कई परियोजनाओं और पहलों की भी समीक्षा की। हमारे संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे भूटानी प्रशिक्षुओं की प्रतिभा पर चर्चा हुई।
वहीं नेपाल के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा बिम्सटेक बैठक के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का से मुलाकात करके अच्छा लगा। कनेक्टिविटी, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य और बिजली में आपसी सहयोग पर चर्चा की। रामायण सर्किट की प्रगति पर ध्यान देने पर सहमति बनी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति से की थी मुलाकात: बता दें कि बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री इस समय श्रीलंका में हैं। सोमवार को उन्होंने राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी रिश्ते के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। जयशंकर ने पड़ोसी देश को भरोसा दिया कि नई दिल्ली हमेशा श्रीलंका का सहयोग करती रहेगी। जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से भी मुलाकात की।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी