राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने में राजभवन में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की नैक मूल्यांकन के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय भी सहभागी हुए. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा की गई तैयारियों की नैक मूल्यांकन के सभी सात क्राइटेरिया पर बिंदुवार कमेटी के सदस्यों से जानकारी ली। उन्होंने कहा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में देश का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता है।
उन्होंने हाल ही में चण्डीगढ़ स्थित उत्कृष्ट नैक ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में भी शोध विषयों में नवीनता लायी जाये। देश और प्रदेश में लागू सरकारी योजनाओं से समाज में बड़ा बदलाव आया है.यह शोध का नया विषय हो सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में पंजाब विश्वविद्यालय मोहाली,चण्डीगढ़ में हुए प्रभावी शोध कार्यों का उदाहरण दिया.उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को क्षमता संवर्द्धन, व्यावहारिक ज्ञान और सामाजिक सहयोग वाले छोटे-छोटे प्रोजेक्ट कार्यों से जोड़ा जाए। वृद्धाश्रम,अनाथ आश्रम जैसे स्थलों पर प्रोजेक्ट वर्क से सामाजिक लाभ मिलेगा, छात्रों में व्यावहारिक समझ बढ़ेगी और नैक मूल्यांकन में अधिक अंक स्कोर हो सकेंगे।
प्रस्तुतिकरण में वेस्ट प्रैक्टिस बिंदु पर समीक्षा करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय को पिछड़े क्षेत्रों में स्थापित प्राइमरी स्कूलों को गोद लेने को कहा। विश्वविद्यालय उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उच्च और बेहतर शिक्षा तक लाये जिससे उन क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे भी चिकित्सा, इंजीनियरिंग, शिक्षण आदि के प्रसिद्व क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकें। उन्होंने इसी क्रम में ऐसे स्लम एरिया में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने और शिक्षा का प्रसार करने को कहा जहां बालपन से ही माता-पिता द्वारा बच्चों को श्रम कार्यों से जोड़ दिया जाता है। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने विश्वविद्यालय में भारत के परम्परागत खेलों की व्यवस्था कराने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रावासों में इसे बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों को योगाभ्यास, प्रकृति प्रेम और स्वच्छता की जागरूकता से भी जोड़ने का आह्वान किया.