- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, July 13, 2022
डॉ विकास जायसवाल
वाराणसी। चेस्ट व टीबी रोग विशेषज्ञ और लंग प्लस क्लीनिक के मलिक डॉ. विकास जायसवाल ने बताया कि हमने अपने क्लीनिक में लंग प्लस पूर्वांचल व तटीय बिहार के चेस्ट व फेफड़ों के मरीजों के लंग फंक्शन की जांच की सुविधा हेतु जर्मन तकनीक युक्त मशीन आईओएस की सुविधा उपलब्ध की है।
उन्होंने कहा इस मशीन से हम उन मरीजों का भी इलाज कर सकते हैं। जिन मरीजों में फूंकने की क्षमता बहुत कम होती है, जैसे 2 साल से लेकर 100 साल तक के बुजुर्ग, उनका भी हम सफलतापूर्वक लंग फंक्शन टेस्ट करते हैं। इससे पहले पूर्वांचल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी अब हम यह सुविधा अपने लंग प्लस क्लीनिक में शुरू कर चुके हैं।
इसके अलावा डॉ विकास जायसवाल ने बताया कि इस मशीन पर हम बच्चों मेंटल रूप से परेशान व्यक्ति बुजुर्ग हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति न्यूरो परसेंट प्रेग्नेंट महिला जैसे लोगों की जांच हम सफलतापूर्वक कर सकते हैं इसके अलावा भी इस मशीन के कई अन्य फायदे भी हैं जैसे इस टेस्ट के दौरान वायरल बीमारी का खतरा और टीबी रोग के फैलने का खतरा ना के बराबर होता है और मरीज को ताकत लगाकर फूंकने की जरूरत नहीं पड़ती है इसलिए इसे एफर्टलेस जर्मन टेक्नोलॉजी आई ओ एस भी कहते हैं।
इस मौके पर पत्नी डॉ नेहा नैनी भी उपस्थित थी उन्होंने बताया कि हम आगे भी इस तरह से पूर्वांचल व बिहार की जनता के लिए अपने सेंटर पर अत्याधुनिक तकनीक युक्त सुविधा मुहैया कराते रहेंगे जिससे फेफड़े संबंधित रोगों की जांच व इलाज के लिए मरीजों को दिल्ली मुंबई व लखनऊ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी इस मौके पर इम्युनो लॉजिस्ट डॉ विश्वास शर्मा प्रयागराज व प्रसिद्ध नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात कुमार वाराणसी भी उपस्थित थे।
उन्होंने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे हम 2 साल तक के बच्चों का लंग फंक्शन टेस्ट इस मशीन द्वारा बहुत आसानी से कर सकते हैं डॉ विकास जायसवाल ने बताया कि हमें कब और इस स्थिति में हमें इस जांच की जरूरत पड़ती है जैसे खांसी में बलगम आना खांसी के सिरप का खांसी पर असर ना होना खासी व सीने में जकड़न होना अगर आप सिगरेट और बीड़ी का सेवन करते हैं तो अगर आप पोस्ट कोविड-19 हैं तो अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो अगर आपको बार-बार लंग इन्फेक्शन होता है तो अगर आप धूल पोलूशन मधुमेह के संपर्क में ज्यादा रहते हैं तो।