- Published by- @MrAnshulGaurav
- Saturday, July 16, 2022
नई दिल्ली। भारत के होने वाले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित ने कल अपनी कोर्ट नंबर 2 में सुबह 9.30 बजे से ही सुनवाई शुरू कर दी. आमतौर पर कोर्ट में सुनवाई 10.30 बजे शुरू होती है. इस पर जस्टिस ललित ने तर्क दिया- अगर बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो जज और वकील अपना दिन 9 बजे शुरू क्यों नहीं कर सकते?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच सप्ताह के 5 दिन सुबह 10.30 बजे से शाम 4 बजे तक बैठती हैं. दोपहर 1 से 2 बजे के बीच लंच ब्रेक होता है. कल जस्टिस ललित, जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच सुबह 9.30 बजे बैठी और मामलों की सुनवाई शुरू की.
वरिष्ठ वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी इस दौरान एक मामले में पेश हुए ओर पीठ द्वारा जल्दी सुनवाई शुरू करने पर खुशी जताई. रोहतगी ने कहा- सुबह 9.30 बजे का यह समय अदालतें शुरू करने का अधिक उचित समय है. इस पर जस्टिस ललित ने जवाब दिया कि उनका हमेशा से यही मानना रहा है कि कोर्ट को जल्दी बैठना चाहिए.
जस्टिस ललित ने सुझाव दिया कि उन दिनों में जब लंबी सुनवाई की जरूरत नहीं है, तो सुप्रीम कोर्ट की बेंचों को सुबह 9 बजे शुरू होना चाहिए और आधे घंटे के ब्रेक के लिए 11.30 बजे उठना चाहिए. 12 बजे फिर से शुरू करें और दोपहर 2 बजे तक खत्म करें, इससे आपको शाम को और काम करने का समय मिलेगा.