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जनपद में प्रसवपूर्व जांच का चार गुना अधिक इज़ाफ़ा, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे पांच की रिपोर्ट में बढ़ा ग्राफ़

प्रसव से पूर्व गर्भवती महिलाओं को कम से कम चार बार जरूर जांच जरुरी

औरैया। जिले में प्रसवपूर्व जांच के प्रति लोगों में जबरदस्त जागरूकता बढ़ी है। यह साबित कर रहा है नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वेक्षण (एनएफएचएस) का आंकड़ा। जिले में एनएफएचएस-4 में जहां यह आंकड़ा 11.7 प्रतिशत था वहीं एनएफएचएस-5 में यह आंकड़ा 50.4 प्रतिशत पहुंच गया है। प्रसव पूर्व जांच को एंटी नेटल केयर या एएनसी भी कहते हैं। एएनसी में गर्भवती महिलाओं की नौ माह में चार बार प्रसवपूर्व जांच की जाती है। इससे गर्भावस्था संबंधी जोखिम और जटिलताओं से बचाव में मदद मिलती है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आरसीएच नोडल डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि गर्भावस्था का पता चलते ही प्रसव पूर्व सभी आवश्यक जांच के लिए अपने क्षेत्र की आशा से संपर्क करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एएनएम तथा चिकित्सक से परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया, जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रसव पूर्व जांच की संख्या बढ़ाने के विविध प्रयास किए जा रहे हैं। आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से लगातार इसके प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है।

100 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय की के महिला रोग विशेषज्ञ डा. अस्मिता ने बताया गर्भवती महिला की नौ माह में चार बार प्रसवपूर्व जांच की जाती है। इनमें प्रथम जांच 12 सप्ताह के भीतर या गर्भावस्था का पता चलने के साथ होती है। दूसरी जांच 14 से 26 सप्ताह, तीसरी जांच 28 से 34 सप्ताह तथा चौथी जांच 36 सप्ताह से प्रसव के समय तक के बीच होती है।

एएनसी में मिलती है यह सुविधा- प्रसवपूर्व जांच में बीपी, हीमोग्लोबिन, वजन, लंबाई, पेशाब में शक्कर व प्रोटीन जांच सहित एचआईवी व अन्य प्रकार की आवश्यक जांच शामिल हैं। इन सब जांच के साथ ही गर्भवती महिलाओं को टेटनस का इंजेक्शन, आयरन व फॉलिक एसिड की टैबलेट दिये जाते हैं। यदि महिला में खून की कमी होती है तो पोषण संबंधी सलाह व दवाई आदि दी जाती है।

क्या कहते हैं आँकड़े- जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अखिलेश कुमार ने बताया की एचएम्आईएस पोर्टल पर फीडिंग के अनुसार जनपद में वर्ष 2021-22 में 45,996 एएनसी पंजीकृत की गईं। इसमें यानी 33,754 गर्भवतियों ने नौ माह में चार बार एएनसी जांच करवाई। इसी तरह वर्ष इस साल अप्रैल माह से अगस्त तक 21,050 में से 18,742 यानी गर्भवतियों ने चार बार एएनसी करवाने में दिलचस्पी दिखाई है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर 

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