उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादकों की बढ़ती दिक्कतों को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) सतर्क हो गयी है। बिचौलियों द्वारा खुले बाजार में आलू (potato) के भाव गिरवाए जाने की जुगत और कोल्ड स्टोरेज में भण्डारण के लिए लग रही लम्बी कतारों की समस्या से निपटने के लिए सभी जिला उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिये गये हैं।
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इस बीच आलू की सरकारी खरीद के लिए 650 रुपए प्रति क्विंटल की दर तय करने और कोल्ड स्टोरेज पर निगरानी आदेश से किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
अभी आगरा से करीब छह हजार कुंतल आलू दूसरे राज्यों में भेजा गया, फर्रुखाबाद से नेपाल भी आलू भेजा जा रहा है। इसके अलावा हाफेड के जरिये दूसरे देशों खासतौर पर खाड़ी के मुल्कों में भी आलू का निर्यात किये जाने की तैयारी की जा रही है।
सीतापुर के प्रगतिशील किसान नन्दू पाण्डेय आगामी 14-15 मार्च से अपने आलू की खोदाई शुरू करवाएंगे। हालांकि उन्होंने इटौंजा के कोल्ड स्टोरेज में अपने आलू के भण्डारण के लिए पहले से बुकिंग करवा रखी है मगर कोल्ड स्टोरेज पर लग रही एक-एक किलोमीटर लम्बी लाइनों ने उनकी नींद उड़ा रखी है।
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शनिवार को इस बाबत उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अफसरों की बैठक हुई। निदेशक डा आरके तोमर ने बताया कि आलू उत्पादकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। कोल्ड स्टोरेज की निगरानी के लिए निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्र से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार हाफेड के जरिये 10 लाख मीट्रिक टन आलू की खरीद करवाने की तैयारी कर रही है। सरकारी खरीद 650 रुपये प्रति कुंतल के भाव की जाएगी। दिसम्बर से शुरु हुई आलू की खोदाई में इस बार राज्य में करीब 242 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन होने का अनुमान है इसमें से 150 लाख टन आलू कोल्ड स्टोरेज में जाएगा बाकी बाजार में आएगा।