लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघर्ष मोर्चा’’ द्वारा छात्र कन्वेन्शन आज प्रेस क्लब हजरतगंज में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन का संचालन सतीश शर्मा व अध्यक्षता अनुपम यादव द्वारा की गई। आन्दोलन की पृष्ठभूमि महेन्द्र यादव ने रखी और आगे के आन्दोलन का प्रस्ताव गौरव त्रिपाठी द्वारा रखा गया।
कन्वेन्शन में शहर के सात विश्वविद्यालय
कन्वेन्शन में शहर के सात विश्वविद्यालय समेत तमाम महाविद्यालयों के सैकड़ों छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे। कन्वेन्शन को जे.एन.यू. छात्र संघ महामंत्री दुग्गिराला श्रीकृष्ना, ए.एम.यू. पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन व ल.वि.वि. छात्र संघ पूर्व महामंत्री अनिल सिंह ‘वीरू’ ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित किया।
जे.एन.यू. छात्र संघ महामंत्री दुग्गिराला श्रीकृष्ना ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आर.एस.एस. और कारपोरेट गठजोड़ की यह सरकार शिक्षा को निजी हाथों में बेचने तथा साम्प्रदायीकरण करने की साजिश कर रही है। इसके खिलाफ होने वाले प्रतिरोध का दमन करने के लिए परिसरों में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। परिसरों में लोकतंत्र को बचाने के लिए संगठित छात्र आन्दोलन और तेज करने की जरूरत है जिसके लिए जे.एन.यू. छात्र संघ आपके साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करता है।
ए.एम.यू. पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा एंव शिक्षा संस्थानों को बचाने के लिए पहले आर.एस.एस. से लड़ना होगा उनकी साजिश को बेनकाब कर सच्चाई छात्रों के सामने लानी होगी। ल.वि.वि. छात्र संघ पूर्व महामंत्री अनिल सिंह ‘वीरू’ ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र हमेशा जुल्म के खिलाफ संघर्ष करता रहा है। छात्रों के संघर्ष में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ पदाधिकारी छात्र व समस्त विश्वविद्यालय उनके संघर्ष में साथ है। यदि इनकी मांगे नहीं मानी जती है तो सड़कां पर उतरा जायेगा।
छात्रों के समर्थन में पूर्व जू.ला. प्रदीप सिंह बब्बू, के.के.सी.छात्र सघ के पूर्व अध्यक्ष अमर पाल व पूर्व छात्र नेता ओमकार सिंह, पी.एन.सिंह, करूणेश द्विवेदी आदि मौजूद रहे।