Breaking News

लखनऊ विश्वविद्यालय स्कूली छात्रों को बनाएगा “एक दिन का वैज्ञानिक”

लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति आलोक कुमार राय द्वारा चलाए जा रहे छात्र केंद्रित कार्यक्रमों के तहत इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज लखनऊ विश्वविद्यालय तथा उत्तर प्रदेश कौंसिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से 5 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम मे केंद्रीय विद्यालय एवं सरकारी विद्यालयों के 200 से अधिक छात्रों को ‘वन डे साइंटिस्ट’ कार्यक्रम के तहत एक दिन के लिए वैज्ञानिक बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के अंदर छुपी वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने के प्रयास के साथ-साथ कोविद जैसे महामारी से भारत जैसे देश को लड़ने के लिए तैयार करने के लिए स्कूली छात्रों को औषधि एवं वैक्सीन के क्षेत्र में रूचि एवं अवसर के लिए प्रेरित करना है जिससे उत्तर प्रदेश राज्य को खुशहाल एवं स्वस्थ बनाया जा सकेगा।

इस कार्यक्रम को प्रो आलोक कुमार राय कुलपति महोदय, लखनऊ विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में संपन्न किया जाएगा। इस कार्यक्रम में आलोक कुमार (आईएएस), डायरेक्टर जनरल, उत्तर प्रदेश कौंसिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी; प्रकाश बिंदु (आईएएस), सेक्रेटरी, उत्तर प्रदेश कौंसिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं अनिल यादव, डायरेक्टर, उत्तर प्रदेश कौंसिल ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी एवं अन्य पदाधिकारी भी आमंत्रित किये गए हैं। छात्रों के बीच CSIR-CDRI के पूर्व निदेशक एवं CBMR के निदेशक डॉ. आलोक धवन उपरोक्त विषय के मुख्य वक्ता होंगे। इस कार्यक्रम में बायोटेक पार्क के संस्थापक डॉ. पीके सेठ एवं डॉ. जीएन सिंह, विशेष अतिथि, औषधि नियंत्रक भारत सरकार एवं माननीय मुख़्यमंत्री सलाहकार उत्तर प्रदेश शासन होंगे।

इस कार्यक्रम में भैषिजिक संस्थान में नवनिर्मित प्रयोगशालाओं का उपयोग करते हुए सभी छात्रों को ड्रग डिजाइन एंड सिंथेसिस, हर्बल ड्रग डिस्कवरी एंड स्टैंडरडाइजेशन, ड्रग फॉर्मुलेशन, डेवलपमेंट एंड क्वालिटी कंट्रोल एवं ड्रग के मैकेनिज्म, एक्शन की जानकारी दी जाएगी। एस्प्रिन एवं पेरासिटामोल औषधियाँ आम तौर पर दर्दनिवारक के रूप में तथा बुखार को कम करने में प्रयुक्त होती हैं। छात्र इन औषधियों की सिंथेसिस प्रयोगशाला में करने के साथ ही इनका शुद्धिकरण तथा गुणवत्ता की जांच विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से स्वयं करेंगे।

मानव शरीर में अनेको प्रकार के तत्व पाए जाते है जिनकी कमी से विभिन्न रोग होते हैं। छात्र इन तत्वों का बायोकैमिकल एवं गुणात्मक परीक्षण स्वयं की यूरिन एवं ब्लड में जांच के द्वारा प्रयोगशाला में करेंगे। इन परीक्षणों के माध्यम से वे अपने शरीर में उपस्थित तत्वों की कमी अथवा अधिकता के विषय में जानेंगे। विभिन्न प्रकार की औषधियाँ बाज़ार में उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग रोग के प्रकार के आधार पर किया जाता है। औषधियों के विभिन्न डोसेज फॉर्म जैसे टैबलेट, सिरप, सस्पेंशन एवं ऑइंटमेंट का निर्माण छात्र प्रयोगशाला में करेंगे।

इन डोसेज फॉर्म्स की गुणवत्ता की जांच करके वे असली एवं नकली औषधियों की परख करेंगे। हर्बल औषधियों के कम साइड इफेक्ट्स होने के कारण इनका उपयोग भी आजकल तेज़ी से बढ़ा है। इस को ध्यान में रखते हुए हर्बल औषधियों के निर्माण के लिए उनका निष्कर्षण एवं आइसोलेशन छात्र स्वयं करेंगे। इन हर्बल औषधियों के लक्षणों तथा गुणवत्ता की जांच करते हुए छात्र इनका शुद्धिकरण भी प्रयोग के माध्यम से करेंगे। सभी औषधियाँ रोग के अनुसार अलग-अलग मैकेनिज्म के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव डालती हैं जिससे रोग का इलाज होता है। विभिन्न औषधियाँ किस मैकेनिज्म के द्वारा शरीर की मांसपेशियों, मस्तिष्क, हृदय, आंखो आदि को कैसे प्रभावित करेंगी, कंप्यूटर के माध्यम से छात्र स्वयं औषधियाँ देकर उनका प्रभाव विभिन्न अंगों पर देखेंगे।

About Samar Saleel

Check Also

कल सुबह आठ बजे शुरू होगी मतगणना, दांव पर छह प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य

रुद्रप्रयाग। शनिवार 23 नवंबर को होने वाली केदारनाथ विधानसभा उप चुनाव मतगणना के लिए सभी ...