पांच सौ वर्ष तक अयोध्या जी उदास रहीं। पांच वर्ष पहले योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए भव्य दीपोत्सव से यहां उत्साह का संचार हुआ। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यहां दिपावली पर त्रेता युग की झलक दिखाई देगी। उनका कथन सही साबित हुआ। भव्य दीपोत्सव अब अयोध्या की परम्परा बन चुका है. इस बार भी भव्य दीपोत्सव की तैयारी देखने योगी आदित्यनाथ अयोध्या गए थे। एक बार फिर यहां दिपावली पर त्रेता युग की झलक दिखाई देगी। मानस में गोस्वामी जी ने इसका सुन्दर चित्रण किया है- अवधपुरी प्रभु आवत जानी। भई सकल सोभा कै खानी।।
दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन की अपनी परम्परा का निर्वाह किया था। अंतर यह रहा कि पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद जब वह अयोध्या आये थे, तब श्री रामजन्म भूमि पर यथास्थिति थी। योगी ने अपनी योजना के अनुरूप यहां पर्यटन विकास संबन्धी कार्य शुरू कर दिए थे। फिर वह समय भी आया जिसकी पांच सदियों से प्रतीक्षा थी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। इस बार योगी जब अयोध्या पहुंचे तो स्थिति अलग रही। भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। श्री रामलला को अस्थाई मंदिर में योगी आदित्यनाथ द्वारा ही प्रतिष्ठित किया गया था।
भारतीय संस्कृति के प्रेरणा व प्रतीक स्थलों पर योगी आदित्यनाथ की गहरी आस्था है। उन्होंने ऐसे सभी स्थानों को विकास पर्यटन से जोड़ने की व्यापक कार्य योजना बनाई थी। इस पर पिछली सरकार के पांच वर्षों में प्रभावी अमल किया गया। इसके चलते उत्तर प्रदेश के सभी पौराणिक नगरों का कायाकल्प हुआ है। यहां होने वाले आयोजन अब विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित हो रहे हैं। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का शुभारंभ योगी आदित्यनाथ ने किया था। अब यह आयोजन परम्परा के रूप में स्थापित हो चुका है। विदेशों से भी लोग इस आयोजन को देखने आते हैं। योगी आदित्यनाथ अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्राहलय में चैत्र रामनवमी मेले के भव्य आयोजन पर भी ध्यान देते हैं।
इसकी बेहतरीन तैयारियों के संबंध में भी वह अधिकारीयों को निर्देशित करते हैं। उनके अनुसार इस आयोजन की तैयारी इस प्रकार से होनी चाहिए कि मेला पूरी भव्यता और दिव्यता दिखाई दे। यह अयोध्या को विश्व मानचित्र पर लाने में सहायक बने। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूरे भारत से अयोध्या पहुँचते हैं. इसके दृष्टिगत अयोध्या में ऐसी व्यवस्था सृजित की जाती है जिससे प्रवेश करते ही लोगों को पूरा वातावरण राममय लगे,जिससे सभी श्रद्धालु अपने गृह जनपद एक अच्छा संदेश लेकर जाएं। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव के लिए निर्धारित स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने श्रीरामलला विराजमान का दर्शन-पूजन किया। सरयू होटल में अयोध्या में आयोजित होने वाले दीपोत्सव’ की तैयारियों की समीक्षा भी की।
अधिकारियों को निर्देश दिए कि दीपोत्सव को सफल बनाने हेतु सभी सम्बन्धित विभाग पारस्परिक समन्वय के साथ कार्य करें। दीपोत्सव की तैयारी में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। दीपोत्सव के सफल आयोजन की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। दीपोत्सव के सम्बन्ध में की जा रही व्यवस्थाओं व तैयारियों की नियमित रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाए।
उन्होंने दीपोत्सव में आठ विदेशी रामलीलाओं तथा पर्यटन और सूचना विभाग की झांकियों के बेहतर ढंग से प्रदर्शन की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। योगी ने श्री रामकथा पार्क के निरीक्षण के दौरान वहां सभी आवश्यक तैयारियों के साथ सन्त महात्माओं, विशिष्टजनों एवं श्रद्धालुओं के बैठने की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने श्रीरामलला विराजमान मन्दिर और श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण स्थल का निरीक्षण किया तथा वहां भी बेहतर व्यवस्था के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री द्वारा साकेत महाविद्यालय में बनाए जा रहे हेलीपैड का भी निरीक्षण किया गया तथा जल्द से जल्द सम्बन्धित आवश्यक कार्यवाहियां पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसके पश्चात् उन्होंने राम की पैड़ी, सरयू आरती स्थल का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री जी को ‘दीपोत्सव’ की तैयारियों की जानकारी दी गई। अयोध्या में इस बार फिर से दीप उत्सव में नया रिकॉर्ड बनेगा। इस बार सत्रह लाख दीपक जलाए जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा आम लोगों को भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसको जन कार्यक्रम बनाया जा रहा है। इक्कीस अक्टूबर से दीपक बिछाने का काम शुरू किया गया है। अगले दिन अक्टूबर तक सभी दीपकों को बिछा दिया जाएगा। तेईस अक्टूबर को दीपक में बाती लगाई जाएगी और तेल डाला जाएगा।