भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 17नवंबर को नई दिल्ली में अपनी पांचवीं द्विपक्षीय साइबर नीति वार्ता बुलाई। संवाद की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) की संयुक्त सचिव (साइबर डिप्लोमेसी डिवीजन) मुआनपुई सैयावी और ऑस्ट्रेलिया सरकार में विदेश मामलों और व्यापार विभाग के साइबर मामलों और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के राजदूत डॉ टोबियास फेकिन ने की।
साइबर नीति वार्ता आपसी हित के कई बड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक द्विपक्षीय मंच प्रदान करता है। इस वार्ता में साइबर खतरे का आकलन अगली पीढ़ी की दूरसंचार क्षमता निर्माण और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग शामिल है। #साइबर_नीति वार्ता एक व्यापक और गहरे साइबर सहयोग के लिए साइबर-सक्षम महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहयोग और कार्य योजना 2020-2025 पर भारत-ऑस्ट्रेलिया फ्रेमवर्क व्यवस्था के तहत आयोजित की गई थी।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल में विदेश मामलों और व्यापार विभाग, गृह मामलों के विभाग, उद्योग विज्ञान और संसाधन विभाग और ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बयान में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत ने ऑस्ट्रेलिया-भारत साइबर और क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप सहित निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के साथ और सहयोग के अवसरों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की। आगे कहा कि इस वार्ता में चर्चाओं में रणनीतिक प्राथमिकताएं, साइबर खतरे का आकलन, #5जी_तकनीक सहित अगली पीढ़ी की दूरसंचार क्षमता निर्माण, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और संयुक्त राष्ट्र में साइबर में नवीनतम विकास शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और भारत संयुक्त रूप से इंडो-पैसिफिक भागीदारों के सहयोग से साइबर बूट कैंप के साथ-साथ साइबर और तकनीकी नीति का आदान-प्रदान करेंगे। वहीं छठी भारत-ऑस्ट्रेलिया साइबर नीति वार्ता 2023 में आयोजित की जाएगी।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी