लखनऊ। एमरन फाउंडेशन ने मोदी जी का सपना “सशक्त नारी सशक्त भारत” हम सबका सपना के अन्तर्गत लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित ग्राम नगवामऊ में सीमैप के सहयोग से महिला किसानों के समूह को लेमन ग्रास की खेती का प्रशिक्षण दिया था, जिसके अंतर्गत उन्हें मुफ्त बीज और खेती के तरीके से अवगत कराया गया था। जिसके परिणाम स्वरूप आज लेमन ग्रास की पहली खेप महिला किसानों, एमरेन फाउंडेशन और सीमैप के वैज्ञानिकों की सहायता से विक्रय के लिए तैयार हैं।
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सीमैप और एमरन फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से यह संभव हो सका है। आज बाजार में लेमन ग्रास के तेल की कीमत लगभग 1300 ₹ प्रति लीटर है। जबकि 40 पैसे प्रति स्लिप की लागत से लगाई गई लेमनग्रास जो समय के साथ एक स्लिप में 40 स्लिप उत्पादित हो जाती है जिसे किसान 60 पैसे प्रति स्लिप की दर से बेच कर और भी मुनाफा कमा सकता है।
सीमैप के अधिकारी ने बताया कि लेमन ग्रास की खेती कम जल के उपयोग से भी की जा सकती है लेमन ग्रास के उत्पादन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस फसल में कीड़े नहीं लगते एवं इसे मवेशियों या किसी जानवर के खाने का भी डर नहीं रहता जिस कारण इसकी खेती में काफी आसानी होती है साथ ही साथ इस फसल को साल में कम से कम 4 बार काटा जा सकता है।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं के समूह को संबोधित करते हुए एमरन फाउंडेशन के अध्यक्ष रेणुका टंडन ने बताया कि हमने सीमैप की मदद से अरोमा मिशन के अंतर्गत लेमन ग्रास की खेती का प्रशिक्षण नगवा मऊ की महिला किसानों को दिया, चूंकि यहां पर सभी महिला किसान छोटे स्तर पर खेती करती हैं इसलिए उन्हें सहकारी समिति के माध्यम से जोड़कर बृहद पैमाने पर खेती का प्रशिक्षण दिया गया। हमें यह जानकर खुशी है कि हम सब के अथक प्रयास एवं मेहनत के बल पर इतनी शीघ्र सुखद परिणाम दिए।जिसके माध्यम से उन्हें आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में मदद मिलेगी।
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उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य नई परियोजनाएँ को महिलाओं से जोड़ना का और उन संसाधनों और अवसरों तक पहुँचाने का है ,जो उन्हें आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा देंगे एवं महिला औद्योगिकरण को बढ़ावा देंगे। रेणुका टंडन ने सीमैप के वैज्ञानिकों डॉक्टर संजय कुमार, डॉक्टर कामिनी, डॉक्टर प्रदीप टंडन, डॉ राकेश श्रीवास्तव, का विशेष आभार प्रकट किया जिन्होंने समय-समय पर फाउंडेशन और महिला समूह का मार्गदर्शन किया।
सीमैप और एमरन फाउंडेशन से जुड़कर लेमन ग्रास का उत्पादन करने वाली महिला किसान सुनीता यादव, किरन यादव और रिंकी प्रजापति ने इस उत्पादन के आइडिया के लिए फाउंडेशन का धन्यवाद दिया और कहा कि इस फसल द्वारा कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है जो उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मज़बूत करेगा।