विदेश मंत्रालय ने तीसरे निरस्त्रीकरण (Disarmament) और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा (International Security) फैलोशिप कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जो विदेश मंत्रालय द्वारा सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस, नई दिल्ली में 9-27 जनवरी तक आयोजित किया जा रहा है। ये तीसरा निरस्त्रीकरण है इससे पहले इसका पहला कार्यक्रम जनवरी 2019 में और दूसरा 2020 में आयोजित किया गया था। इस फेलोशिप कार्यक्रम में 30 देशों के युवा राजनयिक भाग ले रहे हैं।
फेलोशिप कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को समकालीन निरस्त्रीकरण, अप्रसार, हथियार नियंत्रण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से संबंधित मुद्दों पर ज्ञान और दृष्टिकोण से लैस करना और उन्हें भारत और भारत की विदेश नीति के पहलुओं से परिचित कराना है।
फैलोशिप कार्यक्रम में वैश्विक सुरक्षा पर्यावरण, सामूहिक विनाश के हथियार, कुछ पारंपरिक हथियार, अंतरिक्ष सुरक्षा, साइबरस्पेस की सुरक्षा, निर्यात नियंत्रण और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे विषयों की एक श्रृंखला पर प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा वार्ता, प्रस्तुतियां और सिमुलेशन अभ्यास शामिल हैं। इसमें भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की सुविधाओं का दौरा भी शामिल है, ताकि फेलो को भारत के असैन्य परमाणु और असैन्य अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी जा सके।
फेलोशिप कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प “निरस्त्रीकरण और अप्रसार शिक्षा पर संयुक्त राष्ट्र अध्ययन” के जनादेश को पूरा करता है और संयुक्त राष्ट्र महासचिव के निरस्त्रीकरण के एजेंडे “हमारे सामान्य भविष्य की सुरक्षा” में ‘निरस्त्रीकरण शिक्षा’ पर ध्यान केंद्रित करने के अनुरूप भी है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी