प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा के माध्यम से विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया। असफ़लता को भी अवसर में बदलने की प्रेरणा दी। इधर राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने भी विद्यार्थियो का सकरात्मक मार्गदर्शन किया। उन्होने कहा कि विद्यार्थी अपनी क्षमताओं को पहचाने। उसको कम न आंके, कुछ अंकों से आगे पीछे हो जाने से आगामी जीवन प्रभावी नहीं होगा। वह अपनी क्षमता और शिक्षण संस्थान से प्प्राप्त ज्ञान और कौशल का उपयोग देश और समाज के हित में करें।
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आनंदीबेन पटेल ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कृषि और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं और अवसरों का उल्लेख किया. कृषि का ज्ञान-विज्ञान सीखने वाले विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में योगदान करना चाहिए। बुन्देलखण्ड कृषि की अपार सम्भावनाओं का क्षेत्र है।
कृषि क्षेत्र की समस्याओं का सामना करने योग्य क्षमताओं को विकसित करना चाहिए। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में भी प्रयास करने चाहिए। इसमें लागत लगभग शून्य है और सिंचाई की आवश्यकता भी कम पड़ती है। छोटे किसानों को इसका पर्याप्त लाभ मिलेगा। इस खेती में किसान साल में कई फसलें ले सकता है। इसमें पराली का भी सदुपयोग हो जाता है। राज्यपाल ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष है।
बुंदेलखंड की भूमि और जलवायु मोटे अनाजों के अनुकूल है। मोटे अनाजों को विदेशों तक पहचान दिलाने से यहाँ के किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसी प्रकार कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग लाभप्रद होता है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कम पानी में “पर ड्राप मोर क्राप” योजना पर किसानों को अमल हेतु जागरुक करना चाहिए।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री