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ऑपरेशन पराक्रम में शहीद कैप्टन आशीष देवा की याद में ‘शहीद देश भक्तों के नाम’ ऑनलाइन कवि गोष्ठी का आयोजन 

लखनऊ। सप्रेम संस्थान (रजि.) के तत्वावधान सप्रेम कवि सभा द्वारा ऑनलाइन पटल के तत्वावधान में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में समस्त भारतीय सेनाओं को समर्पित, एक अखिल भारतीय काव्य–गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसे विशेष रूप से आगरा के वीर शहीद कैप्टन आशीष देवा को समर्पित किया गया।

“जरा याद उन्हें भी करलो, जो लौट के घर न आये…देश में ऐसे ऐसे शूरवीर,देशभक्त हुए हैं जिन्होंने इस देश की आन-शान-बान की खातिर अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। ऐसे ही एक वीर योद्धा देश का सिपाही शहीद कैप्टन आशीष देवा जिन्होंने 2002 में आपरेशन पराक्रम में अपना बलिदान दिया। उनके माता पिता निर्मला देवा एवं हरेंद्र देवा को आज अपने इकलौते बेटे के बलिदान पर गर्व है। उनके पिता ने बताते हैं कि होश संभालते ही भैया (आशीष देवा) क्रांतिकारियों की किताबें पढऩे लगा। उसमें देश के प्रति समर्पण का भाव था।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता आगरा से उनके माता-पिता हरेंद्र देवा एवं निर्मला देवा ने संयुक्त रूप से की। काव्य गोष्ठी के दौरान आशीष देवा के जीवन तथा उनके द्वारा देश को दिए गए योगदान पर भी प्रकाश डाला गया। हरेंद्र देवा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वरचित काव्य पाठ में कुछ इस प्रकार बयान किया कि ‘आरती के दिए सा जलता हूं, थक गया हूं फिर भी राह चलता हूं, आस के बुझ गया सभी दीपक, कैसा बेबस हूं हाथ मलता हूं।’

कवि गोष्ठी में भारत के चारो महानगरों सहित अन्य प्रदेशों के 12 कवियों ने हिस्सा लिया और शुभारम्भ वाराणसी से जुड़े नवोदित शायर रोहित अस्थाना ने किया। अपनी ग़ज़ल से किया, फिर रचना त्रिपाठी (उड़ीसा), विनीता चौरसिया (यूपी), सरला सिंह सरल (चेन्नई), असीम आमगांवी (महाराष्ट्र), मधुसूदन गौतम (राजस्थान), प्रतिभा पुरोहित (गुजरात), सीमी नईस सिद्धिकी (लखनऊ), विजय मोहन सिंह (चेन्नई) सहित कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि के रूप में कमल पुरोहित अपरिचित (कोलकाता), सुरेश मेहरा ‘राज’ (दिल्ली NCR) व डॉ पुष्पेंद्र अस्थाना ‘पुष्प’ ने भी अपने देशभक्ति पर आधारित काव्य–पाठ द्वारा इस लड़ी को आगे बढ़ाया तथा सेनाओं को समर्पित किया।

समापन–सत्र में भारतीय नौ–सेना से सेवानिवृत्त गायक कलाकार कौशल श्रीवास्तव (नोएडा) ने भावपूर्ण रचना से सबको सराबोर किया, जिसके बोल थे भारत मां के गगन पी चमके बन के सदा ध्रुव तारे, वो शूर हैं हम, वो शूर हैं हम और कार्यक्रम का मंच–संचालन कर रहे गायक धर्मेंद्र अस्थाना (गाजियाबाद) ने भी विशेष आग्रह पर स्वरचित गीत प्रस्तुत किया, जिसके बोल थे ‘नमन है, नमन है, नमन है, साहस को उनके नमन है। कार्यक्रम लगभग 2 घण्टे चला जिसमें देश भक्ति की धारा अनवरत बहती रही, हालांकि सबकी आँखे कई बार अश्रु–पूरित भी हुए। अंत में सप्रेम संस्थान के अध्यक्ष पुष्पेंद्र अस्थाना ने सबका आभार–धन्यवाद ज्ञापित किया।

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