भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम हो गया है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) का कहना है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 2.9 बिलियन डॉलर हो गया है।
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एक और बुरी खबर यह है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान से मुंह फेर दिया और ऋण अदायदी से खुद को किनारे कर दिया। महंगाई और आर्थिक मंदी से त्राहिमाम मचे पाकिस्तान का भविष्य अंधकार की तरफ जाते दिख रहा है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने गुरुवार को जानकारी दी कि केंद्रीय बैंक द्वारा आयोजित पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 170 मिलियन डॉलर घटकर 2.9 बिलियन डॉलर हो गया है। यह आंकड़ा 3 फरवरी यानी साप्ताहांत का है। पाकिस्तान सरकार उम्मीद कर रही थी कि आईएमएफ से डील होने के बाद वह आर्थिक संकट से उबर पाएगा लेकिन, डील रद्द होने के बाद शहबाज सरकार के समक्ष नई चुनौतियां हैं।
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शहबाज शरीफ के हाथ इस वक्त बिल्कुल खाली हैं और आईएमएफ से डील कैंसल हो जाने के बाद पाकिस्तान के सामने उम्मीद की आखिरी उम्मीद की किरण भी मुंह दिखाई करके लौट चुकी है। दूसरी ओर पाकिस्तान में महंगाई दिन प्रतिदिन चढ़ती जा रही है। लोगों के लिए दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करना भी भारी पड़ रहा है। मौजूदा हालात को देखते हुए शहबाज सरकार आगामी दिनों में काफी मुश्किल में पड़ सकती है।
इससे पहले पाक वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को उम्मीद जताई थी कि शहबाज सरकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच सात अरब डॉलर के लोन को लेकर वार्ता सकारात्मक मोड में है और जल्द ही लोन बहाल किया जाएगा। हालांकि शहबाज सरकार को उम्मीद थी कि आईएमएफ की सारी शर्तों को मानने के बाद उसे लोन मिल जाएगा लेकिन, आईएमएफ ने यह कहते हुए लोन देने से मना कर दिया कि सबकुछ पहले हो जाना चाहिए था।
एक तरफ आईएमएफ से लोन न मिलने को लेकर शहबाज सरकार सकते है तो दूसरी ओर लगातार हो रहे फटे हाल पर शहबाज के लिए सरकार चलाना एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। आरिफ हबीब लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार फरवरी 2014 के बाद यह सबसे कम है।