लखनऊ। आज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय की अध्यक्षता में क्षेत्रीय अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष तथा महानगर अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गयी। बैठक के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी भी मौजूद रहे।
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बैठक में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे, राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह, टीम आरएलडी के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा, प्रदेश संगठन महासचिव अजित राठी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष ममता शुक्ला, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, अवध क्षेत्र के अध्यक्ष चैधरी राम सिंह पटेल सहित प्रदेशीय, क्षेत्रीय, मंडल के पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक का संचालन प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने किया।
प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पार्टी का सदस्यता अभियान निरन्तरता के साथ चलता रहेगा और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की समस्याओं की तरफ बिल्कुल नहीं है। प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों की अनदेखी करते चले आ रहे हैं।
पंजाब में गन्ने का भाव उप्र से 40 रुपये अधिक है और हरियाणा सरकार ने भी 10 रुपये की बढोत्तरी की है परन्तु उप्र में किसानों की बिजली का बिल बढ़ा दिया गया है खाद की बोरी 5 किलो कम कर दी गयी है जबकि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का वादा था लेकिन वास्तविकता यह है कि आय कम हो गयी है।
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श्री त्यागी ने कहा कि सरकार को एक ऐसा फण्ड बनाना चाहिए जिसका प्रयोग गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान में किया जाय। जो भी गन्ना मिल गन्ना किसानों का भुगतान रोके उसका भुगतान इसी फण्ड से सरकार द्वारा किया जाय और मिल मालिकों से ब्याज समेत सरकार स्वयं वसूल करे। पूर्वी उप्र में गन्ना की पैदावार बहुत अधिक होती थी परन्तु आज मिले बंद होती जा रही है, जिसका मुख्य कारण किसानों की अवहेलना है।
किसानों से आलू प्याज सस्ता खरीदकर बाजार में पूंजीपतियों द्वारा 4 गुने मूल्य पर बेचा जाता है। कोरोना काल में सरकार की जीडीपी को किसानों ने ही बचाया और किसानों के बच्चे सीमा पर देश की रक्षा करते हैं परन्तु प्रदेश सरकार ही नहीं केन्द्र सरकार भी इन्हीं किसानों की अवहेलना करती है।
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने फसलों की एमएसपी का कानून बनाने की बात कही थी लेकिन आज तक पूरी नहीं हुयी। सरकार द्वारा स्थापित किये जाने वाले क्रय केंद्रों की व्यवस्था बिचौलियों के हाथ में रहती है, यही कारण है कि किसान को निराश होकर अपनी फसल बिचौलियों को बेचनी पड़ती है जो घाटे का सौदा होता है।
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उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी जब जब किसानों का आंदोलन होगा राष्ट्रीय लोकदल उसका खुला समर्थन करेगा और साथ देने के लिए उपस्थित रहेगा। अन्त में कानपुर घटना को निंदनीय बताते हुये त्रिलोक त्यागी ने कहा कि अधिकारी इतने निरंकुश हो गये हैं कि लोगों का घर और झोपडि़या बिना किसी सूचना के बुल्डोजर से गिरा देते है और लोग उसमें जलकर मर जाते हैं। कानपुर देहात में मां बेटी के जल पर मरने की जांच उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में होनी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए।