• एकेटीयू के फॉर्मेसी डिपार्टमेंट ने बनाया खास तरह की डिवाइस, वैक्सीन और इंसुलिन के स्टोरेज और टांसपोर्टेशन में होगी आसानी
• अभी तक वैक्सीन और इंसुलिन को सुरक्षित तापमान में रखने के लिए फ्रीज का हो रहा है प्रयोग
सूगर रोगियों के लिए रामबाण कहा जाने वाला इंसुलिन और तमाम तरह की वैक्सीन के स्टोरेज और दूरदराज ग्रामीण इलाकों में पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। यदि तापमान ज्यादा हुआ तो इंसुलिन और वैक्सीन के खराब होने का खतरा रहता है। मगर अब इस समस्या से निजात मिलने वाली है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के फॉर्मेसी विभाग के डॉ आकाश वेद और पीएसआईटी कानपुर के डॉ प्रणय वाल ने एक खास तरह की डिवाइस बनायी है। इस डिवाइस से न केवल इंसुलिन और वैक्सीन का सुरक्षित स्टोरेज हो सकेगा बल्कि सुदूर गांवों में भी इसे आसनी से बिना खराब हुए ले जाया जा सकेगा। फिलहाल इसका फील्ड परीक्षण चल रहा है। वहीं, यूएस पेटेंट के लिए पंजीकरण किया गया है।
तापमान रहेगा सामान्य
किसी भी वैक्सीन और इंसुलिन को सुरक्षित रखने के लिए उसे 2 से 8 डिग्री तापमान में रखना आवश्यक होता है। इससे कम या ज्यादा पारा होने पर वैक्सीन और इंसुलिन के खराब होने का खतरा रहता है।
ऐसे में अभी तक इन्हें फ्रीज में रखा जाता है। खासकर गांवों में वैक्सीन को थर्माकोल में बर्फ का इस्तेमाल करके ले जाया जाता है। इस दौरान कई बार वैक्सीन खराब हो जाती है। ऐसे में यह डिवाइस काफी कारगर सिद्ध होगी। क्योंकि इस डिवाइस में तापमान दो से 8 डिग्री के बीच रहेगा।
पल्टियर मॉड्यूल पर बनाया
इस डिवाइस को पल्टियर मॉड्यूल पर बनाया गया है। यानी यह एक सतह को ठंडा तो दूसरी सतह को गर्म रखेगा। इसमें तापमान दो से आठ डिग्री के बीच बना रहेगा। इस डिवाइस में बैटी का उपयोग किया गया है। करीब वैक्सीन की 60 वॉयल इसमें स्टोरेज की जा सकेगी। साथ ही यह पोर्टेबल है। जिसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकेगा। फिलहाल इस डिवाइस की कीमत 3 हजार रूपये रखी गयी है। इस डिवाइस के बनने से जहां स्वास्थ्य विभाग को बेशकीमती वैक्सीन और इंसुलिन को रखने में आसानी हो जाएगी वहीं, गांवों तक वैक्सीन सुरक्षित पहुंचेगी।