प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली विलक्षण है. उनके राजधर्म में सुशासन और संस्कृति का समन्वयक है. सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का संकल्प है. तीर्थ स्थलों की इनकी यात्राओं में भी विकास कार्य शामिल रहते हैं. नवरात्र के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की काशी यात्रा का संदर्भ भी यही था. सत्रह सौ करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास और वन वर्ड टीबी समिट का उद्घाटन इसके अनुरूप है।
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योगी आदित्यनाथ गौरक्ष पीठाधीश्वर है. धर्म में उनकी आस्था सहज स्वाभाविक है. वैसे तीर्थ स्थलों में जाना व्यक्तिगत विषय है. लेकिन योगी आदित्यनाथ ऐसी यात्राओं में मुख्यमंत्री पद के दायित्वों का भी समावेश करते है. इसलिए उनकी यात्राएं विलक्षण हो जाती है. इस बार नवरात्र की पूर्व संध्या से प्रारंभ हुई यात्राओं ने एक बार फिर उनकी कार्यशैली देखने को मिली. योगी आदित्यनाथ की विन्ध्याचल,काशी अयोध्या बलरामपुर और गोंडा की यात्रा समग्र विकास को रेखांकित करने वाली थी।
इसमें संस्कृति और सुशासन दोनों की झलक थी. वह अयोध्या गए. यहां उन्होने श्री राम लला विराजमान और श्री हनुमानगढ़ी मन्दिर में पूजा अर्चना की. श्री राम मन्दिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. विकास योजनाओं की समीक्षा और उनका भी निरीक्षण किया. केन्द्र व राज्य शासन द्वारा अयोध्या के समग्र विकास के लिए वर्तमान में बत्तीस हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं संचालित हैं। योगी आदित्यनाथ अयोध्या में नवनिर्मित श्रीरामनाम स्तूप एवं श्री रामलला भवन का लोकार्पण किया.वह विन्ध्याचल गए. वहाँ चल रहे कॉरिडोर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।
अधिकारियों को निर्देशित किया कि माँ विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर’ परियोजना के कार्यों में तेजी लाई जाए. उन्होंने विन्ध्याचल में निर्माणाधीन ‘माँ विन्ध्यवासिनी कॉरिडोर’ परियोजना की प्रगति का भौतिक निरीक्षण किया। योगी आदित्यनाथ काशी भी गए. मुख्यमंत्री के रूप में वह सौ बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में पूजा अर्चना कर चुके हैं. प्रत्येक बार उनकी यात्राएं विकास कार्यों से भी जुड़ी रहती है।
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काशी में शंघाई सहयोग संगठन के पर्यटन मंत्रियों की बैठक हुई थी. ये सभी उत्तर प्रदेश के पर्यटन विकास से बहुत प्रभावित थे.योगी आदित्यनाथ बलरामपुर में चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर ‘मिशन शक्ति’ के अन्तर्गत आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण रैली’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
भगवती पाटेश्वरी के दर्शन किए.गोण्डा में देवीपाटन मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा की. कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इस मण्डल के तीन जनपदों में ग्यारह हजार करोड़ रु से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
उन्होने अधिकारियों को इस संबंध में व्यवस्था करने का निर्देश दिया. देवीपाटन मण्डल के चार जनपदों में से तीन जनपदों में मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य या तो पूरे हो गये, या पूरे होने की स्थिति में है. देवीपाटन मण्डल में मां पाटेश्वरी देवी के नाम पर बनने वाले नये विश्वविद्यालय के लिए शासन स्तर से भूमि के आवंटन का प्रस्ताव मांगा गया है. प्रदेश सरकार जनपद श्रावस्ती को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने जा रही है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री