आने वाले दिनों में देशभर से टोल प्लाजा हट सकते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय टोल वसूली के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अगले कुछ महीनों के अंदर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम और जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम को लागू किया जाना है।
दरअसल, वर्तमान में फास्टैग के जरिए टोल वसूली की जा रही है, लेकिन जीपीएस और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम के जरिए टोल वसूली शुरू होने पर सभी टोल नाकों को हटाना होगा।
एनएचएआई का मानना है कि देश में बड़ी संख्या में लोग टोल से बचने के लिए गाड़ी में जीपीएस नहीं लगाएंगे या फिर नंबर प्लेट को किसी कपड़े या कागज से कवर कर लेंगे। इसी तरह से कई हेराफेरी करके टोल से बचना चाहेंगे।
ऐसी स्थिति के अंदर चाहिए कि जब नए सिस्टम के जरिए टोल वसूली शुरू हो तो उसके लिए पुख्ता इंतजाम किया जाएं। हर वाहन में जीपीएस लगे, उसके लिए इंश्योरेंस की अनिवार्य शर्तों में जीपीएस को जोड़ दिया जाए। अगर किसी वाहन में जीपीएस नहीं है और वो सक्रिय नहीं है तो उसका इंश्योरेंस न किया जाए। अगर कोई व्यक्ति वाहन से जुड़े वॉलेट में टोल के हिसाब से पर्याप्त बैलेंस नहीं रखता है तो उसके लिए भी जुर्माना लगाने की व्यवस्था की जाए।
इस बीच, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि टोल वसूली के लिए वाहनों में जीपीएस अनिवार्य करने की दिशा में कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। अगर संभव हो तो इसे वाहनों के इंश्योरेंस से जोड़ दिया जाए। यानी जीपीएस लगे होने पर ही वाहन का इंश्योरेंस होना चाहिए।