करोड़ों डकार कर इंडिया से भागे कारोबारी विजय माल्या की फॉर्मूला वन रेसिंग टीम फोर्स इंडिया की बिक्री से 13 भारतीय बैंकों के कंसोर्टियम को चार करोड़ ब्रिटिश पाउंड (360 करोड़ रुपये से ज्यादा) का नुकसान हुआ है। यह दावा माल्या की कंपनी खरीदने की इच्छुक रूसी फर्टिलाइजर ग्रुप उरालकली ने किया है। ग्रुप ने पिछले महीने हुई इस बिक्री को अनुचित बताते हुए बीते शुक्रवार को लंदन की अदालत में याचिका दायर किया है।नीलामी के बाद फोर्स इंडिया टीम के सारे अधिकार कनाडा के अरबपति लॉरेंस स्ट्रॉस नियंत्रित रेसिंग प्वाइंट कंसोर्टियम को मिल गए हैं।
फोर्स इंडिया के प्रशासकों ने बड़ी धनराशि पाने का मौका खोया
उरालकली के दावों के अनुसार उसकी सबसे अधिक बोली को नजरंदाज करके फोर्स इंडिया के प्रशासकों ने बड़ी धनराशि पाने का मौका खो दिया।फोर्स इंडिया टीम में माल्या की कंपनी ऑरेंज इंडिया होल्डिंग्स सार्ल की हिस्सेदारी थी।उरालकली ने फोर्स इंडिया के प्रशासक एफआरपी एडवायजरी के खिलाफ बोली प्रक्रिया में कंपनी के लेनदारों को करोड़ों डॉलर का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
भारतीय बैंकों को होता फायदा होता
रूसी कंपनी के वरिष्ठ स्वतंत्र निदेशक पॉल जेम्स ओस्टलिंग ने कहा कि हमने परिसंपत्तियों एवं कारोबार को हासिल करने के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई थी।अगर प्रशासकों ने हमारी बोली स्वीकार की होती, तो भारतीय बैंकों को बहुत फायदा होता। हमारा ऑफर 10 से 12 करोड़ पाउंड (900-1,008 करोड़ रुपये) तक का था। रूसी कंपनी के दावे से इतर फोर्स इंडिया टीम के प्रशासन ने जोर देते हुए कहा कि नीलामी प्रक्रिया में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता बरती गई है। (एजेंसी)