मध्यप्रदेश/बीनागंज। बदलते मौसम में सीजनल बीमारी और सर्दी-जुकाम के मजीर इनदिनों बीनागंज अस्पताल की ओपीडी में दिखना आम बात हो गयी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बीनागंज स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरर्स भी लोगों के इलाज को अपनी पहली प्राथमिकता मानते हुए तय समय पर पहुंच कर उनका उपचार करने में जुटे रहते हैं। मौसम के बदलते मिजाज से तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव का असर आम लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
सीजनल बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे
सर्दी का मौसम शुरू होने के पूर्व बढ़ रही सीजनल बीमारियों की चपेट में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे है। बुजुर्गों में भी सर्दी-खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। बीनागंज अस्पताल के ओपीडी में सीजनल बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या प्रतिदिन सुबह से शाम तक संख्या 200 के पार हो जाती है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों का समुचित चेकअप कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसके साथ अस्पताल परिसर में ही दवा काउंटर पर सीजनल बीमारी से ग्रसित मरीजों को निशुल्क दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।
तले पदार्थ खाने व दूषित पानी से फैलता इनफेक्शन
डॉ. अमित श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि तले पदार्थ खाने एवं दूषित पानी का सेवन करने के चलते भी लोगों में इनफेक्शन फैलता है जिसके कारण सर्दी-खांसी, मरीजों की संख्या इस मौसम में बढ़ जाती है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि खासतौर पर बदलते सीजन के दौरान लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरुरत होती है। मौसम के परिवर्तन से सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों में 50% मरीज शुद्ध खानपान नहीं करने से बीमार होते हैं।