लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन का तृतीय स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया। फैकल्टी द्वारा आयोजित होने वाले नवे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के क्रम में तीन सप्ताह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा किया गया। कुलपति ने अपने संबोधन में बताया कि योग विषय जीवन को परिभाषित करता है। वर्तमान परिस्थितियों और समय के अनुसार योग का लाभ जन सामान्य को प्राप्त हो इस प्रकार का प्रयास करना चाहिए।
योग अभ्यास का विषय है इसके लिए केवल कक्षाओं तक की सीमित रहना उचित नहीं रहेगा बल्कि इस विषय को आम जनमानस तक पहुंचना चहिए। उनके स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए योग परामर्श उपलब्ध कराना होगा तथा योग, रोग से बचाव का बेहतरीन साधन है। इन साधनों का प्रचार प्रसार जन सामान्य तक होना आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए के लिए आवश्यक है मन की शांति,और मन की शांति के लिए योग एक परम साधन है।
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फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि 27-05-2023 से 21-06- 2023 तक फैकल्टी के द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 10 सेमिनार, 6 कार्यशाला तथा प्रतियोगिताएं होगी इसके अतिरिक्त प्रातःकाल 7:00 से 8:00 तक निशुल्क योग सत्र का आयोजन द्वितीय परिसर के गार्डन मे होगा जिसमें विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी तथा छात्राएं भाग ले सकते हैं इसके अतिरिक्त योग दिवस के उपलक्ष में योगासन प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है।
लखनऊ शहर के 100 स्थान पर 14 जून 2023 से 21 जून 2023 तक निशुल्क सत्र का आयोजन भी होगा फैकल्टी के द्वारा नाव पर योग का प्रदर्शन तथा जल में योगाभ्यास इन सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा। योग फैकल्टी के डीन प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर ने बताया कि फैकल्टी के विकास के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए अलग-अलग संसाधन विकसित किया जा रहा है। आने वाले समय में अलग-अलग योग के कार्यक्रमों के साथ योग का विकास किया जाएगा इन्होंने बताया कि योग अभ्यास के माध्यम से शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर विकास होता है इसलिए सभी को प्रतिदिन योग करना चाहिए।
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विधि संकाय के डीन प्रोफेसर बीडी सिंह ने कहा कि योग भारतीय परंपरा का प्राचीन विषय है और इस विषय को विकसित और जन सामान्य तक पहुंचाना आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है। इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रोफेसर एके सिंह ने कहा कि इस वैज्ञानिक युग में भी योग की प्रासंगिकता लगातार बढ़ रही है इसलिए योग में निरंतर शोध एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान योग फैकल्टी के शिक्षक डॉ सत्येंद्र कुमार मिश्रा, डॉ राम नरेश, डॉ रामकिशोर, डॉ सुधीर कुमार मिश्रा, इशिता अरोड़ा, प्रियंका राय, शोभित सिंह एवं विधि संकाय के शिक्षक डॉ अनुराग श्रीवास्तव, प्रो राजकुमार, डॉ वरूण छाछर तथा प्रबंधन संस्थान के निर्देशिका प्रो विनीता कोचर उपस्थित थी। फैकल्टी के छात्र छात्राओं ने भारी संख्या में प्रतिभाग किया।