उत्तराखंड में अगले महीने पांच करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है। उत्तराखंड पुलिस हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात करेगी।
यही नहीं ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए पूरी कांवड़ यात्रा की निगरानी भी करेगी। कांवड़ यात्रा के प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को देहरादून में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अंतरराज्यीय बैठक हुई। इसके बाद पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार (Director General of Police Uttarakhand Ashok Kumar) ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि सभी कांवरियों को अपने पास कोई न कोई पहचान पत्र रखना होगा।
इस अंतर-राज्यीय समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने वर्चुअली भाग लिया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कांवर की अधिकतम ऊंचाई 12 फीट से अधिक नहीं होगी क्योंकि पाया गया है कि यदि कांवड़ की ऊंचाई 12 फीट से ज्यादा होती है तो वह रेलवे पुल से टकराने लगती है। बैठक में फैसला लिया गया कि कांवरियों की गुडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान दो हफ्ते में पवित्र गंगाजल लाने के लिए 3.80 करोड़ शिव भक्त पहुंचे थे। कांवड़ मेले के करीबी पर्यवेक्षक सुनील दत्त पांडे कहते हैं कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद धीरे-धीरे मानसूनी कांवर तीर्थ यात्रा बढ़ती गई है। अगले दशकों के दौरान वाहनों के जरिए कांवरियों का आगमन पैदल कांवड़ियों से ज्यादा हो गया है। बैठक में शांतिपूर्ण कांवड़ यात्रा को संपन्न कराने के अन्य पहलुओं पर भी गौर किया गया।
उत्तराखंड में इस साल पांच करोड़ कांवरियों के आने की उम्मीद है। इसकी तैयारियों को लेकर उत्तराखंड में अधिकारियों ने कमर कस ली है। हरिद्वार जिला प्रशासन ने बीते दो महीनों के दौरान सभी संबंधित सरकारी विभागों और नोडल एजेंसियों के साथ कई बैठकें बुलाई हैं। कांवरियों की भारी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए एक विशिष्ट वैकल्पिक यातायात योजना बनाई जा रही है। साथ ही कांवड़ियों के दोपहिया वाहन और ट्रकों को खड़ा करने के लिए अस्थाई पार्किंग स्थल चिन्हित किए जा रहे हैं।