लखनऊ से गोरखपुर के बीच रेलवे ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनेगी। इससे ट्रैक पर जानवर नहीं आ सकेंगे। हादसों पर रोक लगेगी और तेज रफ्तार वाली हाई स्पीड ट्रेनें भी सुरक्षित रहेंगी। रेलवे अपनी जमीन को इस दीवार के सहारे कब्जे में कर लेगा।
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वहीं ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने के साथ ही समय सारणी भी सुधरेगी। पूरे रूट को ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड की ओर से अनुमति मिल चुकी है।
पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक पर जानवरों के आने की घटनाएं काफी बढ़ रही हैं। इससे ट्रेनों के संचालन पर सीधा असर पड़ रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलने पर जल्द ही काम को शुरू कराया जाएगा।
लखनऊ से गोरखपुर तक का रेलवे ट्रैक करीब 270 किमी लंबा है। डीपीआर बनाई जा रही है। एक साल में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में गोंडा के पास करीब 30 किलोमीटर के ट्रैक का काम पूरा किया जाएगा। उसके बाद अगले वर्ष पूरे ट्रैक को दीवार से लैस किया जाएगा।