चंद्रयान-3 मिशन के लिए उल्टी गिनती आज से शुरू होने वाली है। शुक्रवार को इसे एलवीएम-एम3 रॉकेट के जरिये दोपहर 2:35 बजे प्रक्षेपित कर दिया जाएगा। चांद पर सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन सफल रहा तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सफल हुए हैं। लॉन्चिंग से पहले इसरो के वैज्ञानिक पूजा-पाठ करने में जुटे हैं। वैज्ञानिकों की एक टीम आज तिरुपति मंदिर पूजा-अराधना के लिए पहुंची।
अधिकारियों ने बताया, इसरो चार साल बाद एक बार फिर से चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है। चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को ‘फैट बॉय’ एलवीएम-एम3 रॉकेट ले जाएगा। 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से होने वाले इस बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण के लिए इसरो जोर-शोर से तैयारियों में जुटा हुआ है।
चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ अगस्त के आखिर में निर्धारित है। चंद्रयान-2, 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था। इससे इसरो का दल निराश हो गया था। तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगा कर ढांढस बंधाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद हैं।
इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम चंद्रयान-3 के एक छोटे से मॉडल के साथ पूजा-अर्चना करने के लिए तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर पहुंची। आंध्र प्रदेश के तिरूपति वेंकटचलपति मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद इसरो वैज्ञानिकों की टीम ने कहा, “यह चंद्रयान-3 है। चंद्रमा पर हमारा मिशन है। कल प्रक्षेपण है।”