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वन विभाग व काश्तकारों की जमीन को कब्जा कर चल रहा अवैध वासिंग प्लांट

प्रयागराज शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत गढ़वा क़िला पुरा तत्व के पास अवैध वाशिंग प्लांट का संचालन किया जा रहा है जहां पर यह देखने को मिल रहा है कि जो वाशिंग प्लांट का संचालन हो रहा है। उसकी लीज जनवां में है और जो सिल्कासैंड बालू आता है वह अन्य जगहों से आता है जिसे क्षेत्र के ट्रैक्टरों द्वारा ट्राली में लोड करके अवैध खनन कर लाया जाता है।

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जिस सिलिका सैंड स्टोन की धुलाई इस वाशिंग प्लांट में किया जाता है जो पूरी तरह से अवैध है। वहीं दूसरी बात जब पानी की समस्या खड़ी होती है तो एनजीटी पानी की समस्या को लेकर इधर-उधर भागने लगती है और लोगों को परेशान करतीं हैं। परंतु आज कई वर्षों से उक्त वाशिंग प्लांट पर देखा जा रहा है कि पानी का दुरुपयोग किया जाता है वह भी जो पानी तालाब में जाना चाहिए जहां जीव पक्षियों जानवरों को शुद्ध पानी मिलता था जो पानी तालाब के लिए पूर्ण रूप से है।

वन विभाग व काश्तकारों की जमीन को कब्जा कर चल रहा अवैध वासिंग प्लांट

लेकिन वाशिंग प्लांट का संचालक मलिक तालाब में जानें वालें नाले को काटकर पानी को अपने वॉशिंग प्लांट की तरफ मोड़कर उससे धुलाई करता है। वहीं कुछ साल पहले एनजीटी ने शंकरगढ़ के क्षेत्र में कई इसी तरह की समस्याओं को लेकर कई वाशिंग प्लांट संचालकों को 725000 का नोटिस देकर जुर्माना ठोका था, परंतु यहां तो जैसे इनकी सेटिंग हो गई हो और यहां चालवाने में इनका सहयोग हो की बराबर यह वाशिंग प्लांट अवैध तरीके से चल रहा है जहां पर उसकी एक अंश भी भूमि नहीं है।

जिसने बड़गड़ी काश्तकारों की पक्की नाप पैमाइश पत्थर गढ़ी आदि सरकारी नक्शे को बिगाड़ कर बड़े-बड़े कारखाने लगाने के साथ वन विभाग की जमीन पर चल रहा है, लेकिन तहसील प्रशासन वन विभाग इतना सुस्त दिख रहा है कि जों अवैध वाशिंग प्लांट चला रहा है। वह उसका मालिक नहीं हैं बल्कि तहसील प्रशासन उसका मालिक है कि इतनी सिकायत काश्तकारों द्वारा की गई कि आप लोग चाहे जो करें हमारी जमीन तो कम से कम मुझे मिल जाए परंतु कुछ नहीं धड़ल्ले से वह वाशिंग प्लांट चल रहा है। उसको कोई किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है आख़िर अब कहां गई एनजीटी व बाबा का बुलडोजर।

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