Breaking News

दिबियापुर कोतवाली स्टॉफ ने किया फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन, स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने खायी दवा

  • फाइलेरिया से बचना है तो 28 अगस्त तक जरूर लें दवा
औरैया। जिले में 10 से 28 अगस्त तक फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन का कार्यक्रम चल रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लॉक दिबियापुर कोतवाली पहुँच कर वहां के सभी 22 पुलिस कर्मचारियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजय आनंद द्वारा बीमारी के बारे में जानकारी दी गयी तो सभी ने पूरे उत्साह के साथ दवा का सेवन किया । इस मौके सहयोगी संस्था पीसीआई इंडिया के एसएमसी निर्मल कुमार ने भी सभी को फाइलेरिया के लक्षणों से अवगत करवाया।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ विजय आनंद  ने बताया की आशा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम घर घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रही है। इस दवा का सेवन दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को करना है। केवल गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोग इस दवा का सेवन नहीं करेंगे।
अभियान के दौरान भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच रही है और समूह में लोगों को दवा का सेवन करवा रही है। उन्होंने बताया कि यह दवा सुरक्षित है और इससे कोई दिक्कत नहीं होती है। जेल के समूचे स्टॉफ और बंदियों को दवा का सेवन करवाया जाएगा । स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दवा का सेवन करवाने के साथ साथ बीमारी की गंभीरता के बारे में भी जानकारी दिया है। दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है।
उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि दवा खाने के बाद कुछ लोगों को जी मिचलाना, चक्कर आना या उल्टी जैसे लक्षण आएं तो घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने के कारण हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं जिससे इस तरह की प्रतिक्रिया हो सकती है जो कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है। इसके साथ ही कहा की फाइलेरिया से संक्रमित होने के बाद रोगी का पूरा जीवन दर्द और कठिनाई से बीतता है। इससे जुड़ी दिव्यांगता के कारण लोगों को अक्सर सामाजिक उपेक्षा का भी सामना करना पड़ता है। बीमारी से प्रभावित व्यक्ति की कार्यक्षमता भी कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति की आजीविका और आर्थिक उन्नति दोनों प्रभावित होती है। लगातार पांच साल तक साल में एक बार यदि दवा का सेवन कर लेते हैं तो इस बीमारी से सुरक्षित बन सकते हैं ।
रिपोर्ट- शिव प्रताप सिंह

About reporter

Check Also

लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज में दो हाथियों के बीच हुआ खूनी संघर्ष, एक की मौत

कोटद्वार:  उत्तराखंड में लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत पनियाली बीट के आरक्षित ...