शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण किया। कहा कि वह शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता मानते थे। भारत ने प्राचीन काल से ही शिक्षकों की इस परंपरा को मान्यता दी है। सम्मान के साथ श्रद्धापूर्वक समाज में विशिष्ट स्थान देने का कार्य किया। समय के अनुरूप दोनों पक्ष सामने आते गए। एक पक्ष जो इसका उज्जवल पक्ष था। वो यह पक्ष है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए, राष्ट्र की नींव को सुदृढ़ करते हुए एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है।
शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित एक सम्मान समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मॉर्निंग असेंबली को नियमित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं। नए सिरे से पीढ़ियों को बनाने का कार्य आप कर रहे हैं। जो पीढ़ियां बनेंगी, वो जीवन भर आपको याद करेंगी। यदि हमारे शिक्षक नहीं होते तो आज हम यहां तक नहीं पहुंच पाते, आगे नहीं बढ़ पाते। हमारे शिक्षकों का योगदान हमारे व्यक्तित्व के निर्माण और चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रेरणा देता रहा है।
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शिक्षक सुविधा भोगी नहीं थे। वो अल्प संसाधनों में, कम वेतन में कार्य करते थे। उन्होंने उस समय जो मेहनत की तब जाकर आज की पीढ़ियां बनीं और यही कार्य आप सब भी कर सकते हैं। आप भी अपने छात्रों के लिए वंदनीय बन सकते हैं। योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 94 शिक्षकों का सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 2.09 लाख टैबलेट वितरण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।
साथ ही उन्होंने प्रदेश में 18,381 स्मार्ट क्लास व 880 आईसीटी लैब का उद्घाटन भी किया। सम्मान समारोह पर सांकेतिक रूप से मुख्यमंत्री योगी ने 6 बेसिक शिक्षा एवं 6 माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया। सम्मान राशि 25000 रुपए उनके खाते में पहले ही भेजी जा चुकी है।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री