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तेल डिपो में हुए विस्फोट में 20 शरणार्थियों की मौत, आर्मेनिया ने लगाया- जातीय संहार का आरोप

अजरबैजान के नागोरनो-काराबाख इलाके में एक तेल डिपो में हुए विस्फोट में अब तक 20 लोगों की मौत की खबर है। हादसे में सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 300 लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


घायलों में से कई की हालत गंभीर है। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। आर्मेनिया ने इस धमाके को जातीय संहार करार दिया है। अभी तक विस्फोट का कारण पता नहीं चला है।

बढ़ सकता है मृतकों का आंकड़ा
खबर के अनुसार, घटना नागोरनो काराबाख के स्टेपानाकेर्ट शहर में घटी। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि 13 लोगों के शव बरामद हुए हैं और सात लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान जान गई। शवों को पहचानने के प्रयास किए जा रहे हैं। आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पेशिनयान ने कहा है कि इलाके में जातीय संहार किया जा रहा है। वहीं अजरबैजान ने कहा है कि वह पारंपरिक आर्मेनियन्स को अपने साथ सम्मिलित करना चाहता है और सभी को समान मानता है।

लंबे समय से है विवाद
बता दें कि नागोरनो काराबाख एक पहाड़ी इलाका है ,जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान का इलाका माना जाता है लेकिन इसे बीते तीन दशकों से आर्मेनियाई लोगों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। रूस भी इस मामले में आर्मेनिया का समर्थन करता है। बीते हफ्ते अजरबैजान की सेना ने यहां ऑपरेशन चलाया, जिसमें 200 से ज्यादा आर्मेनियाई नागरिकों की मौत हो गई थी। अब नागोरनो काराबाख इलाके से आर्मेनियाई लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। यही वजह है कि पलायन के बीच तेल डिपो में हुए धमाके में लोगों की मौत को आर्मेनिया ने जातीय संहार करार दिया है।

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