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देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद को 135वीं जयंती पर याद किया गया

देश के पहले शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को उनकी 135वीं जयंती पर याद किया गया। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद फाउंडेशन ने मौलाना आज़ाद की ऐतिहासिक शाहजहानी शाही जामा मस्जिद के पास स्थित मज़ार पर शनिवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस मौके पर लोगों ने उनके मजार पर फतेहाख्वानी की और कुरान की तिलावत कर दुआएं मांगी गईं।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद फाउंडेशन के चेयरमैन इमरान खान की अध्यक्षता में आयोजित सभा में फाउंडेशन के पदाधिकारियों के साथ-साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल वाहिद कुरैशी, उपाध्यक्ष मखदूम खान, जिला चांदनी चौक कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन फरहान खान भूरे, छत्तर सिंह, शहज़ाद, हमजा चौधरी, हरप्रीत सिंह सहानी, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद सुबहान आदि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अब्दुल वाहिद कुरैशी ने कहा कि मौलाना आज़ाद का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है जिसे देश कभी भी भुला नहीं सकता है। मौलाना ने देश के पहले शिक्षा मंत्री रहते हुए जिन संस्थानों की स्थापना की थी वहां से लाखों युवा शिक्षा प्राप्त करके देश और दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं।

इमरान खान ने कहा कि आज देश को मौलाना आज़ाद के दिखाए गए रास्ते पर चलने की ज़रूरत है। आज जब देश में भेदभाव और नफरत बढ़ती जा रही है, ऐसे में इन नफरतों को दूर करने के लिए मौलाना आज़ाद के रास्ते पर चलने की ज़रूरत है।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने आजाद द्वारा स्थापित किए गए आईआईटी, यूजीसी जैसे शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ साहित्य अकादमी, नाट्य कला अकादमी, ललित कला अकादमी और आईसीसीआर जैसे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थानों की स्थापना में उनके योगदान को याद किया।

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