Breaking News

इंसान को जीने की कला है श्रीमद्भगवद्गीता

जहानाबाद। शब्दक्षर जिला इकाई जहानबाद की ओर से आयोजित समारोह के अवसर पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मानवीय जीवन में कर्म, ज्ञान और भक्ति का सार है। इंसान को गीता में मनुष्य के जीवन से जुड़ी समस्याओं को आसान भाषा में समझाया गया है। गीता सभी वैदिक एवं ग्रंथों का सार है।

👉उड़ान भरने से ठीक पहले लड़ाकू विमान मिग-29के का टायर फटा, बंद किया गया रनवे का संचालन

विश्व में 600 गीता उपलब्ध है। सनातन धर्म में 18 श्रीमद्भगवद्गीता विभिन्न द्वापर युग में उपदेश दिया गया है। महाभारत के युद्ध में मार्गशीर्ष का शुक्ल पक्ष एकादशी द्वापरयुग में कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे।

इंसान को जीने की कला है श्रीमद्भगवद्गीता

शब्दक्षर बिहार के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र पद्मनाभ, समाजवादी लोक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमांशु शेखर, महासचिव ऋचा झा एवं शब्दक्षर के जहानाबाद के अध्यक्षा सावित्री सुमन द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता पुस्तक से सम्मान प्राप्त करते हुए साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा दिए गए गीता के उपदेश आज के समय में लोगों के जीवन की घोर निराशा से निकालने का काम करते हैं।

👉श्री रामजन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा अक्षत वितरण यात्रा में जन उत्साह

गीता को न सिर्फ हिंदू बल्कि दूसरे धर्म से जुड़े लोग अपने जीवन में अपनाते हैं। धार्मिक ग्रंथ गीता में बताया गया है कि जब अर्जुन अपने कर्तव्यों से भटक गए थे, तो कुरुक्षेत्र के मैदान में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवद्गीता के प्रसिद्ध है।

About Samar Saleel

Check Also

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने यू-जीनियस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी फिनाले में प्रतिभाशाली युवाओं का किया सम्मान

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ...