भारत की दिग्गज एथलीट अंजू बाबी जार्ज ने कहा कि 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में ड्रग लेने वाली धोखेबाज खिलाड़ियों ने उनसे ओलंपिक की लंबी कूद का पदक छीन दिया था और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से परिणामों की जांच करने के लिये कहने का फैसला किया है। रूसी एथलीट तातयाना लेबेदेवा (स्वर्ण), इरिना सिमागिना (रजत) और तातयाना कोतोवा (कांस्य) ने महिलाओं की लंबी कूद में पहले तीन स्थान हासिल किये थे लेकिन वे एथेंस ओलंपिक के बाद अन्य प्रतियोगिताओं में डोपिंग में नाकाम रही थी। एथेंस खेलों के 13 साल बाद 6.83 मीटर की छलांग लगाकर पांचवें स्थान पर रहने वाली अंजू अब चैथे स्थान पर रहने वाली आस्ट्रेलियाई ब्रानिन थाम्पसन और छठे स्थान पर रहने वाली ब्रिटेन की जेड जानसन के साथ मिलकर ओलंपिक पदक का दावा पेश करेगी। रूस में सरकार प्रायोजित डोपिंग के हाल के खुलासे के बाद विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की एकमात्र पदक विजेता अंजू को अपना दावा पेश करने के लिये उत्साहित किया है। अंजू ने कहा, ‘‘मुझे संदेह है कि तीनों रूसी खिलाड़ियों ने सही तरह से अपने पदक नहीं जीते थे। इसके बाद वे डोप परीक्षण में नाकाम रही थी और रूस में भी डोपिंग पूरी तरह से फैला हुआ है। ये सभी ठोस संकेत हैं कि एथेंस ओलंपिक के दौरान वे तीनों भी साफ सुथरी नहीं थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैं भारत की एथलेटिक्स में पहली पदक विजेता बन सकती थी। मुझसे उन्होंने (रूसी खिलाड़ियों ने) यह उपलब्धि और देश के लिये ओलंपिक पदक जीतने का क्षण छीन दिया। देश से एक ओलंपिक पदक छीन दिया गया।
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