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पसमांदा मुस्लिम समाज ने हज कमेटी आफ इंडिया पर लगाया आरोप, कहा- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी मिल कर हज यात्रियों को कर रहे गुमराह

लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी आफ इंडिया दोनों मिलकर देश के 1 लाख 40 हजार 20, हज यात्रियों को गुमराह करके उनको लूटने का काम कर रहे हैं।

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श्री मंसूरी ने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी ने निशुल्क हज आवेदन फॉर्म भरने का ढिंढोरा पीट कर खूब वही लूटी वही अब हर चयनित यात्री से ₹300 वसूल रही है। इसके अलावा प्रत्येक हज यात्री से ₹1500 मिसलेनियस चार्ज के भी लिए जा रहे हैं। इस तरह से मंत्रालय और हज कमेटी देशभर के हज यात्रियों से 25 करोड़ 20 लाख 36 हजार रुपए वसूलेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी दोनों सेवा की संस्था न होकर हज के जरिए पैसा कमाने पर तुली हैं।

पसमांदा मुस्लिम समाज ने हज कमेटी आफ इंडिया पर लगाया आरोप, कहा- अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी मिल कर हज यात्रियों को कर रहे गुमराह

अनीस मंसूरी ने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी के कुप्रबंधन की वजह से ही इस साल सबसे कम लोगों ने हज जाने के लिए आवेदन फॉर्म भरा है। उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 31180 सीटों का कोटा मिला था लेकिन कम आवेदन फार्म भरे जाने की वजह से 19702 लोगों ने ही आवेदन किया जिसकी वजह से 11478 हज सीटें वापस करनी पड़ी। यह एक बड़ी चिंता और शर्म की बात है। यही स्थिति देश के 19 अन्य राज्यों की भी है। पहले की सरकारों में जहां हज आवेदन को की संख्या को देखते हुए लॉटरी करवानी पड़ती थी वही हज-2024 के लिए मात्र 12 राज्यों में ही चुनाव हुए। मंत्रालय और हज कमेटी आफ इंडिया को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

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अनीस मंसूरी ने कहा कि देश में मुसलमानों की कुल आबादी के 85 फ़ीसदी लोग पसमदा मुसलमान हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत से सबसे अधिक संख्या में पसमांदा मुसलमान ही हज करने जाते हैं। यह लोग थोड़े-थोड़े पैसे जमा करके सालों हज की तैयारी करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और हज कमेटी आफ इंडिया एक गरीबों की खून पसीने की कमाई को लूटना चाहती है।

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उन्होंने कहा कि मंत्रालय और हज कमेटी ₹300 हज आवेदन शुल्क और ₹1500 प्रोसेसिंग चार्जेस को तत्काल खत्म करे। अनीश मंसूरी ने कहा कि जब तक हज विभाग विदेश मंत्रालय के अधीन था तब तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता था। लेकिन जब से इस विभाग को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अधीन कर दिया गया तब से हर साल हाई व्यवस्था के बुरे दिन आ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि हज विभाग को पहले की तरह विदेश मंत्रालय के अधीन किया जाए। इस अवसर पर खुर्शीद आलम सालमनी मौलाना इलियास मंसूरी, हाजी शब्बन मंसूरी, मोहम्मद रिज़वान (पप्पू कुरैशी) के अतिरिक्त गणमान्य लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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