वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को घोषित अंतरिम बजट 2024-25 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को 928.46 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले बजट की तुलना में 40.4 करोड़ रुपये कम है। केंद्रीय जांच एजेंसी को 2023-24 के बजट अनुमान में 946.51 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और बाद में संशोधित अनुमान में उसे बढ़ाकर 968.86 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
सीबीआई के बजट को में कटौती
पिछले बजट की तुलना में इस साल सीबीआई के बजट में थोड़ी कमी की गई है। आवंटित बजट से सीबीआई के स्थापना संबंधी खर्च, प्रशिक्षण केंद्रों का आधुनिकीकरण, तकनीक, फोरेंसिक सेंटर्स का निर्माण, भूमि खरीद और एजेंसी के लिए ऑफिस और आवासीय भवनों के निर्माण पूरे किए जाएंगे। सीबीआई के पास लोक सेवकों, कंपनियों और गंभीर अपराधों की जांच और अभियोजन की जिम्मेदारी है। बढ़ते अपराध, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्रिप्टोकरेंसी और डार्कनेट के चलते सीबीआई की चुनौती बढ़ी है। साथ ही विभिन्न राज्यों के आपराधिक मामले भी सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या अन्य अदालतों द्वारा सीबीआई को जांच के लिए सौंपे जाते हैं।
अंतरिम बजट में लोकपाल को 33.32 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश अंतरिम बजट 2024-25 में लोकपाल को 33.32 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं ताकि वह अपने प्रतिष्ठान और निर्माण संबंधी व्यय को पूरा कर सके। पिछले बजट में लोकपाल को 92 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिन्हें बाद में बढ़ाकर 110.89 करोड़ रुपये कर दिया गया था। सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ मामलों की जांच लोकपाल द्वारा ही की जाती है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 51.31 करोड़ रुपये दिए गए हैं। पिछले बजट में सीवीसी को 47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6.2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछला बजट 5.94 लाख करोड़ रुपये था। इस साल रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है। रक्षा बजट में डीप टेक तकनीक को मजबूत करने पर फोकस किया गया है। साथ ही रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी लाने पर फोकस किया गया है।