जागरूकता और उपलब्धता से अंतरा की स्वीकार्यता बढ़ी
कानपुर नगर। कानपुर मण्डल में इस वर्ष 2023-24 में जनवरी माह में तक कुल 47,716 महिलाओं ने परिवार नियोजन के अस्थायी साधन तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा को अपनाया , जबकि वर्ष 2022-23 में 55,443 महिलाओं ने और वर्ष 2021-22 में 34,051 महिलाओं ने अंतरा पर अपना भरोसा जताया है। यह आंकड़े गवाह हैं कि परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों को लेकर महिलाओं का भरोसा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा पर अधिक मजबूत हुआ है।
इसकी वजह बताते हुए कानपुर मण्डल की अपर निदेशक (चिकित्सा व स्वास्थ्य) डॉ रचना गुप्ता बताती हैं कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) जैसे छोटे स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के साधनों की उपलब्धता के बाद परिवार नियोजन को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। अपर निदेशक का कहना है कि यह इंजेक्शन प्रति तीन माह के अंतर पर लगाया जाता है। इसे माहवारी आने के एक सप्ताह के अंदर और प्रसव होने के छह सप्ताह बाद ही लगाया जाता है।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन का कहना है कि हर माह की 21 तारीख को जिला महिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), पीएचसी और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस पर प्रशिक्षित एएनएम, सीएचओ, काउंसलर द्वारा लोगों को जागरूक किए जाने के बाद परिवार नियोजन के अस्थायी और अस्थायी साधनों की स्वीकार्यता भी बढ़ी है।
एनएचएम/सिफ़प्सा के मण्डलीय प्रबन्धक राजन प्रसाद का कहना है कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन परिवार नियोजन में एक बेहतर उपाय है और यह काफी कारगर साबित हो रहा है। अंतरा या छाया अपनाने से पहले चिकित्सक की राय जरूरी है।
मंडलीय लॉजिस्टिक मैनेजर अर्जुन प्रजापति ने बताया कि पूरे मंडल में कानपुर नगर जनपद में अंतरा इंजेक्शन का काफी संख्या में महिलाओं ने प्रयोग किया है। उन्होंने बताया कि यहाँ वर्ष 2021-22 में 9993 महिलाओं नें अंतरा अपनाया वहीं वर्ष 2022-23 में 16725 अंतरा इंजेक्शन को महिलाओं ने अपनाया है। इस वर्ष जनवरी माह तक 14,314 महिलायें अंतरा इंजेक्शन अपनाने के लिए आगे आयीं हैं।
कौन लगवा सकता है अंतरा
नव विवाहिताओं से लेकर 45 वर्ष की महिलाएं (चाहे उन्हें बच्चे हों अथवा नहीं), जिन महिलाओं का हाल ही में गर्भपात हुआ हो। स्तनपान कराने वाली महिलाएं (प्रसव के छह सप्ताह बाद), एचआईवी से संक्रमित महिलाएं (चाहे इलाज करा रहीं हो अथवा नहीं)।
अंतरा पर जताया भरोसा, आज है पूरी तरह से संतुष्ट
ब्लॉक बिधनू निवासी मीणा दो बच्चों की मां हैं और पिछले पांच सालों से लगातार अंतरा इंजेक्शन लगवा रही हैं। वह इससे पूरी तरह से संतुष्ट हैं। वह बताती हैं कि इस अस्थाई साधन ने अनचाहे गर्भ की चिंता से मुक्ति दे दी है। अभी तक किसी किस्म का कोई साइड इफेक्ट भी महसूस नहीं हुआ। अब वह दूसरी महिलाओं को भी इसके प्रति जागरूक करती हैं।
ब्लॉक घाटमपुर निवासी 29 वर्षीय सुनीता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह पिछले साल से अंतरा इंजेक्शन को लगवा रही हैं। उनके दो बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि पहली डोज में पेट दर्द की शिकायत थी, लेकिन अब कोई परेशानी नहीं है, अब तक चार अंतरा इंजेक्शन लगवा चुकी हैं। साथ ही अनचाहे गर्भ के बारे में भी नहीं सोचना पड़ता। सुनीता ने गांव की अन्य महिलाओं को भी अंतरा के लाभ के बारे में बताया, जिससे तीन अन्य महिलाओं ने इसका प्रयोग भी शुरू कर दिया है।
शहरी क्षेत्र में सुतरखाना मोहल्ला निवासी 28 वर्षीय बबली (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उसके एक बच्चा है, दूसरे बच्चे में वह तीन वर्ष से अधिक का अंतराल चाहती है। आशा बहन के कहने पर उन्होंने दो अंतरा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया है। बबली का कहना है कि पहले अंतरा की डोज के प्रयोग से माहवारी चक्र में अंतर आया लेकिन अब सब ठीक है। जब हम बच्चा चाहेंगे तो अंतरा का इस्तेमाल बंद कर देंगे। पहले गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन भी किया उसमें रोजाना गोली खाने की समस्या बनी रहती थी।
रिपोर्ट – शिव प्रताप सिंह सेंगर