उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से पूर्ण बहुमत हासिल किया है। भारतीय जनता पार्टी की इस जीत में केंद्र में भाजपा सरकार की भूमिका काफी अहम है।
यूपी के मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकताओं की बात करें तो राम मंदिर, हिंदुत्व जैसे मुद्दों ने भाजपा की जीत में खास योगदान नहीं दिया बल्कि केंद्र में मोदी सरकार के प्रति लोगों के विश्वास ने योगी सरकार की प्रचंड बहुमत से वापसी का रास्ता खोला।
चुनाव बाद लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि जिन नए लोगों को किसान सम्मान निधि, उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना और मुफ्त राशन मिला है उसका पार्टी को सबसे अधिक फायदा हुआ है।
सरकार के कामकाज से संतुष्ट लोगों की संख्या में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रैलियों में पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ कभी भी पक्के मकानों के लाभार्थियों की संख्या का जिक्र करने से नहीं चूकते थे, वह अपनी रैलियों में पक्के मकान के लाभार्थियों, मुफ्त राशन पाने वालों की संख्या के लाभार्थियों का जिक्र जरूर करते थे।
सर्वे के अनुसार भाजपा को 89 फीसदी ब्राह्मणों का वोट मिला, जोकि 2017 की तुलना में 6 फीसदी अधिक है। वहीं सपा के पक्ष में ब्राह्मण वोटरों की संख्या में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं मायावती का दलित-ब्राह्मण फॉर्मूला पूरी तरह से फेल हो गया, पार्टी को इस बार दोनों का ही समर्थन नहीं मिला। वहीं एससी वोटर्स का भी इस बार भाजपा को समर्थन मिला है।