पूंजी बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउसों से उन निवेशकों की सुरक्षा के लिए रूपरेखा तैयार करने को कहा है, जिन्होंने स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं में निवेश किया है। इसके अलावा, नियामक ने इन क्षेत्रों में भारी निवेश पर प्रतिबंध, पोर्टफोलियो पुनर्संतुलन और निवेशकों को सुरक्षित रखने के लिए दिशानिर्देश बनाने जैसे कदमों का भी सुझाव दिया है।
पिछली कुछ तिमाहियों में म्यूचुअल फंड की स्मॉलकैप और मिडकैप योजनाओं में जमकर निवेश आया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया को भेजे पत्र में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फंड हाउसों के ट्रस्टियों को निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिहाज से एक नीति बनाने के लिए सूचना देने को कहा है। ट्रस्टी और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के यूनिटधारक सुरक्षा समितियों की सलाह से सुनिश्चित करेंगे कि सभी निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नीति बनाई गई है।
21 दिन में करना होगा नई नीति का खुलासा
बाजार नियामक सेबी ने कहा, फंड हाउसों को 21 दिनों के भीतर अपनी वेबसाइट पर नई नीति का खुलासा करना होगा। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में मिडकैप श्रेणी में 6,468 करोड़ रुपये का निवेश आया है। स्मॉलकैप में 12,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश आया है।
जुगाड़ू कारोबार करने वाले 12 लोगों पर प्रतिबंध
सेबी ने वी मार्क इंडिया के शेयरों में गलत तरीके से वॉल्यूम और कीमतें बढ़ाकर कारोबार करने वाले 12 लोगों पर शेयर बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, अवैध तरीके से कमाए 6.38 करोड़ रुपये वापस लौटाने को भी कहा है। वी मार्क एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध है। सेबी ने जांच में पाया, कंपनी के एमडी विकास गर्ग और संदीप कुमार अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर रहे थे। एक अन्य मामले में सेबी ने आठ संस्थाओं पर 48 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।