मतदान
लोकतंत्र के रक्षक बनकर चलो आज यह फर्ज निभायें,
अधिकार दिया जो पुरखों ने उसका हम सब कर्ज चुकायें।
अवसर आज मिला है हमको आओ मिलकर लाभ उठायें,
अपने वोट की ताकत का चलो आज अहसास करायें।
लोकतंत्र के स्तंभ है हम तंत्र भी हम से चलता है,
चलो वोट की चोट करें और लोकतंत्र का पर्व मनायें।
लोकतंत्र के उत्सव में चलो आज एक अलख जगायें,
देश के सच्चे प्रहरी को संसद की देहरी लँघवायें।
घर से निकलें बाहर आयें ईवीएम का बटन दबायें,
मत का अपने दान करें और नया एक इतिहास रचायें।
समय हाथ से निकल गया, संभव है फिर हम पछतायें,
भारत मां के चरणों में हम मत रूपी एक फूल चढ़ायें।