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पहली बार सिर्फ एक सीट पर ही प्रचार करते नजर आईं वसुंधरा, BJP ने नहीं बनाया कोई चुनावी कार्यक्रम!

नई दिल्ली:  राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता अलग-अलग राज्यों में लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार का जिम्मा संभाले हुए हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे किसी भी राज्य में चुनावी प्रचार में नजर नहीं आ रही हैं। यहां तक की राजस्थान की एक लोकसभा सीट को छोड़कर उन्होंने प्रचार में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

राजे सभी लोकसभा चुनावों में रहती थीं बेहद सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान भाजपा ने पूर्व सीएम राजे का किसी भी प्रदेश की कोई भी लोकसभा सीट पर कोई दौरा कार्यक्रम नहीं बनाया है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, उपाध्यक्ष, सचिव और प्रदेश प्रवक्ता तक दूसरे राज्यों में प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैसी सक्रियता दिखाई थी, वैसी लोकसभा चुनाव प्रचार में नहीं दिखाई दे रही है। जबकि, अब तक वसुंधरा राजे सभी लोकसभा चुनावों में बेहद सक्रिय रहती थीं। यहां तक की राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी वे प्रचार करती हुई नजर आती थीं।

झालावाड़ सीट पर कर रहीं प्रचार
दरअसल, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम राजस्थान के स्टार प्रचारकों में शामिल था। लेकिन वे झालावाड़ सीट को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी चुनाव प्रचार करते नजर नहीं आईं। इस सीट से राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनावी मैदान में थे। राजस्थान में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी रोड शो और चुनावी सभा में भी वे नजर नहीं आईं। हालांकि भाजपा के स्थापना दिवस छह अप्रैल को राजे दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात भी की थी।

राजस्थान में दो चरणों में मतदान हुए
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजस्थान में लोकसभा के लिए दो चरणों में मतदान हुए हैं। पहले चरण में कुछ सीटों पर वसुंधरा राजे की सभाओं और रैलियों की चर्चा थी। कुछ प्रत्याशी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सभा चाह रहे थे। मगर कार्यक्रम तय नहीं हो पाए। दूसरे चरण, में खुद झालावाड़ में मतदान था, इसलिए राजे वहां खुद अपने बेटे की सीट पर डटीं रहीं। हालांकि, तीसरे चरण में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र में राजे को भेजे जाने की तैयारी थी। मगर, वो भी नहीं हो पाया। वसुंधरा राजे के दौरे न होने पर अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है।

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