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कर्नाटक में भाजपा नेता की हत्या मामले में हस्तक्षेप से अदालत का इनकार, खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में भाजपा नेता योगेश गौड़ा हत्या मामले में आरोपी कर्नाटक मंत्री विनय कुलकर्णी के खिलाफ विशेष आदालत द्वारा तय किए गए आरोपों को रद्द करने से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय कुमार और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। आरोपी विनय कुलकर्णी की तरफ से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे अदालत में पेश हुए।

कुलकर्णी के वकील ने कहा कि विधायक का नाम सीबीआई द्वारा दायर दूसरे आरोप पत्र में है और मृतक की पत्नी के बयान में आरोपी के नाम का जिक्र ही नहीं है। पीठ ने कहा, “आपने उन्हें (मृतक की पत्नी) अपने पक्ष में कर लिया है। एसएलपी खारिज होती है।” आरोपी के वकील ने शीर्ष अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

पीठ ने कहा, “इसे रोकना होगा। वह कोर्ट में अपनी किस्मत आजमा रहा है। यह कोर्ट है या जुआ कोर्ट?” हाई कोर्ट ने आठ अप्रैल को कुलकर्णी के खिलाफ एक विशेष अदालत द्वारा तय किए गए आरोपों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने विशेष अदालत को मामले की सुनवाई पूरी करने और इस मामले को तीन महीने के भीतर निपटाने के लिए कहा।

योगेश गौड़ा भाजपा के जिला पंचायत के सदस्य थे। 15 जून 2016 को धारवाड़ में उनकी हत्या कर दी गई थी। सितंबर 2019 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। नवंबर 2020 में एजेंसी ने कुलकर्णी को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि व्यक्तिगत दुश्मनी और राजनीतिक कारणों से आरोपी ने भाजपा नेता की हत्या की। हालांकि, कुलकर्णी ने इन आरोपों को नकार दिया।

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