रविवार को शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री ने आज कार्यभार संभाला। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता की और दो बड़े निर्णय लिए। पहला निर्णय देश के गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तीन करोड़ मकान बनाने का और दूसरा किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की किस्त जारी करने का। मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों को बताया कि उनके पुराने मंत्रिमंडल के साथी पहले की तरह काम करते रहेंगे।
न सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में बदलाव, न पुराने मंत्रियों के रुतबे पर असर
गृह, रक्षा,वित्त और विदेश मंत्रालय पहले की तरह क्रमश: अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर के पास हैं। रेल मंत्री अश्विन वैष्णव के पास उनके प्रमुख विभाग हैं और पीयूष गोयल वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का कामकाज देखते रहेंगे। मनसुख मंडाविया से केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय लेकर इसे भाजपा के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को दे दिया गया। नड्डा पहले भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। जबकि मंडाविया के पास अब श्रम मंत्रालय और युवा एवं खेल मंत्रालय रहेगा। इससे पहले युवा और खेल सर्बानंद सोनेवाल के पास था।
सहयोगियों को बड़े अहम और इज्जतदार विभाग मिले
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। वे बिहार की राजनीति का बड़ा नाम हैं। नीतीश कुमार के करीबी हैं। उनके पास पंचायत, मत्य पालन और एनीमल हसबैंड्री विभाग रहेगा। इससे पहले मत्य पालन मंत्री गिराराज सिंह होते थे। अब उनके पास केवल कपड़ा मंत्रालय है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के चिराग पासवान के पास खाद्य प्रसंस्करण, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी के पास सूक्ष्म, लघु एवं मझोले लघु उद्योग मंत्रालय और राष्ट्रीय लोकदल के नेता और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जयंत चौधरी के पास दक्षता मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार रहेगा।
मंत्रिमंडल में विभाग बंटवारे से निकला संदेश
प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने सच में बड़ा होमवर्क किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनी पिछली सरकार और नई सरकार में कोई फर्क न होने का संदेश दिया है। जबकि पिछली दोनों सरकारों में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के आंकड़े को काफी पीछे छोड़ दिया था। इस बार भाजपा की नहीं बल्कि एनडीए के सहयोग से गठित हुई केन्द्र सरकार है।