भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर तीन दिवसीय मालदीव दौरे पर हैं। शनिवार को डॉ. एस जयशंकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान जयशंकर ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों की जनता को फायदा मिलेगा। बीते वर्ष मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति चुने गए थे। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की तरफ से यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात के बाद गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिए आपसी संबंधों को मजबूत करने पर भारत की प्रतिबद्धता जताई।’
मालदीव से रक्षा मंत्री घासन मौमून से भी की मुलाकात
इससे पहले डॉ एस जयशंकर मे मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून के साथ मुलाकात की। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा की गई। इसके अलावा दोनों देशों ने समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बरकरार रखने के लिए आपसी हितों को साझा किया।
सोशल मीडिया मंच एक्स पर डॉ जयशंकर ने लिखा, ‘मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून के साथ एक बहुत अच्छी मुलाकात हुई। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान समुद्री सुरक्षा को लेकर पहल की गई और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व बरकरार रखने के लिए आपसी हितों को साझा किया गया।’
मालदीव में चीन की बढ़ती चहलकदमी
आपको बता दें कि मालदीव में चीन की चहलकदमी बढ़ती जा रही है। बीते वर्ष मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति चुने जाने बाद मालदीव और चीन के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा है। मालदीव के बंदरगाह में चीन के अत्याधुनिक अनुसंधान जहाज को खड़ा किया गया है। इसके अलावा चीन और मालदीव के बीच द्विपक्षीय सैन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।